Edible Oil Latest Charge: तेल कंपनियों को केंद्र सरकार के निर्देश, कहा- एक हफ्ते में घटाए 10 रु

Edible Oil Latest Charge: केंद्र सरकार ने सभी तेल कंपनियों को निर्देश देते हुए कहा है कि वो एक हफ्ते के अंदर खाने के तेल की कीमतें 10 रुपए प्रति लीटर तक कम करें। फूड सेक्रेट्री सुधांशु पांडे ने बताया कि कंपनियों से एक ब्रांड के तेल की कीमतें देशभर में एक जैसी रखने को कहा गया है। साथ ही तेल पैकेट्स पर लिखी मात्रा से कम मात्रा होने की शिकायतों पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। भारत अपनी खाद्य तेल जरूरत का 60 प्रतिशत से अधिक आयात करता है। एक सप्ताह के अंदर कंपनियों को 10 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती करनी होगी। वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों के दाम काफी नीचे आए हैं।

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बता दें कि बीते महीने खाद्य तेल निर्माताओं ने कीमतों में 10 से 15 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की थी और इससे पहले वैश्विक बाजार से संकेत लेते हुए MRP में भी कमी की थी। वैश्विक कीमतों में और गिरावट को ध्यान में रखते हुए खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने सभी खाद्य तेल संघों और प्रमुख निर्माताओं की एक बैठक बुलाई, जिसमें मौजूदा स्थिति पर चर्चा की गई और MRP को कम करके उपभोक्ताओं को गिरती वैश्विक कीमतों का लाभ देने की बात कही गई। खाद्य सचिव ने बैठक के बाद कहा कि ‘हमने एक विस्तृत प्रस्तुति दी और उन्हें बताया कि बीते एक सप्ताह में वैश्विक कीमतों में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसका लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाना चाहिए। हमने उन्हें MRP कम करने के लिए कहा है।’ (Edible Oil Latest Charge)

MRP में 3 से 5 रुपये प्रति लीटर का अंतर

उन्होंने कहा कि प्रमुख खाद्य तेल निर्माताओं ने अगले सप्ताह तक सभी आयातित खाद्य तेलों जैसे पाम तेल, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल पर MRP को 10 रुपये प्रति लीटर तक कम करने का वादा किया है। उन्होंने कहा एक बार इन खाद्य तेलों की कीमतें कम हो जाती हैं तो अन्य तेलों के दाम भी नीचे आएंगे। इसके अलावा खाद्य सचिव ने निर्माताओं से देशभर में समान ब्रांड के खाना पकाने के तेल के लिए एक MRP रखने को कहा है। वर्तमान में विभिन्न क्षेत्रों में MRP में 3 से 5 रुपये प्रति लीटर का अंतर होता है। उन्होंने कहा कि ‘मौजूदा समय में विभिन्न क्षेत्रों में बेचे जाने वाले एक ही ब्रांड के खाद्य तेल के MRP में 3-5 रुपये प्रति लीटर का अंतर है। जब परिवहन और अन्य लागत पहले से ही MRP में शामिल होते हैं, तो MRP अलग-अलग नहीं होना चाहिए।’ (Edible Oil Latest Charge)

15 डिग्री सेल्सियस पर पैक करने से तेल फैलता है: खाद्य सचिव

खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि कंपनियां इस बात पर सहमत हुई हैं। बैठक में जो तीसरा मुद्दा उठा वह खाद्य तेल ब्रांडों के अनुचित व्यापार व्यवहार को लेकर उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतें थीं। सचिव ने कहा कि कुछ कंपनियां पैकेज पर लिख रही हैं कि खाद्य तेल 15 डिग्री सेल्सियस पर पैक किया जाता है। इस तापमान पर तेल फैलता है और वजन कम होता है। आदर्श रूप से उन्हें 30 डिग्री सेल्सियस पर पैक करना चाहिए। 15 डिग्री सेल्सियस पर पैक करने से तेल फैलता है और वजन कम होता है। लेकिन कम वजन पैकेज पर नहीं छपा है, जो अनुचित व्यापार प्रथा है। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए कंपनियां यह कहते हुए छपाई कर रही हैं कि 910 ग्राम का खाद्य 15 डिग्री सेल्सियस पर पैक किया जाता है, लेकिन वास्तविक वजन 900 ग्राम से कम होगा। (Edible Oil Latest Charge)

एक नजर आंकड़ों पर

खाद्य सचिव ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय को भी इसकी जानकारी है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 6 जुलाई को पाम तेल का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 144.16 रुपये प्रति किलो, सूरजमुखी तेल का 185.77 रुपये प्रति किलो, सोयाबीन तेल का 185.77 रुपये प्रति किलो, सरसों तेल का 177.37 रुपये प्रति किलो और मूंगफली तेल का 187.93 रुपये प्रति किलो था।

बढ़ती महंगाई के बीच राहत की उम्मीद

बता दें कि सरकारी स्तर पर तेल के अवैध भंडारण के खिलाफ पिछले कुछ समय से जोरदार अभियान चलाया गया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगले एक हफ्ते में खाद्य तेल की कीमतों में 10 से 12 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आ सकती है। गौरतलब है कि देश में खाद्य तेल की कीमतें पिछले एक साल में तेजी से बढ़ी हैं, जिसके चलते आम लोगों का घर का बजट बिगड़ गया है। अब जब वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में बढ़ती महंगाई के बीच कुछ राहत की उम्मीद है।

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