नितिन गडकरी का कमाल , अमेरिका के बाद भारत बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क वाला देश

नई दिल्‍ली । दुनिया भर में सबसे बड़े सड़क नेटवर्क (Road Network) के मामले में भारत अब अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। केंद्र सरकार ने पिछले नौ साल में देशभर में लगभग 54 हजार किलोमीटर नए राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल बिछाया है। भारत ने 1.45 लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण कर चीन को पीछे छोड़कर दूसरा स्थान हासिल किया है।

सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में सरकार के पिछले नौ वर्षों में किए गए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत का सड़क नेटवर्क 59 प्रतिशत बढ़कर दुनिया में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।

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नितिन गडकरी ने कहा कि आज के समय में देश का सड़क नेटवर्क करीब एक लाख 45 हजार 240 किलोमीटर है जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में यह सिर्फ 91 हजार 287 किलोमीटर था। इसमें 44 हजार से अधिक दो लेन राजमार्गों को चार लेन में तब्दील किया गया है। उन्होंने कहा कि बीते नौ वर्षों में चार लेन राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई दोगुनी हो गई। (Road Network)

2013-14 में चार लेन राजमार्गों की लंबाई 18 हजार 371 किलोमीटर थी, जो कि बढ़कर 44 हजार 657 किलोमीटर हो गई। गडकरी ने बताया कि पिछले नौ वर्षों में भारत ने कई राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने देश के अब तक के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण लगभग पूरा कर लिया है।

सैटेलाइट आधारित टोल तकनीक पर हो रहा काम

इसके अलावा सरकार सैटेलाइट आधारित टोल टैक्स तकनीक पर काम कर रही है। इसमें वाहन जितने किलोमीटर राजमार्ग पर चलेगा, उतने किलोमीटर का टोल देना होगा। इसकी विशेषता यह है कि इस तकनीक में टोल प्लाजा समाप्त हो जाएंगे। गडकरी ने बताया कि सरकार दो लाख करोड़ लागत के राजमार्ग परियोजनाएं पूर्वोत्तर राज्यों में बना रही है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पूर्वोत्तर के राज्यों में दो लाख करोड़ की टनल परियोजनाएं चल रही हैं।

नितिन गडकरी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने में सरकार अब पेड़ काटने के बजाए उनको उखाड़कर (प्रतिरोपण) दूसरे स्थान पर लगा रही है। इसके तहत 68 हजार पेड़ों को प्रतिरोपित किया गया। सरकार ने राजमार्ग निर्माण में 1500 अमृत सरोवर (तालाब) बनाए हैं। इसके अलावा दिल्ली रिंग रोड बनाने में 30 लाख टन कचरे का इस्तेमाल किया गया। (Road Network)

किस देश में कितनी सड़कों का जाल

अमेरिका 68 लाख तीन हजार 479
भारत 63 लाख 72 हजार 613
चीन 51 लाख 98 हजार

एनएचएआई बना रहा रिकॉर्ड

गडकरी ने एनएचएआई के योगदान का भी उल्लेख किया, जिसने इस अवधि के दौरान सात विश्व रिकॉर्ड कायम किए। एनएचएआई ने इस साल मई में 100 घंटे में 100 किलोमीटर लंबा नया एक्सप्रेस-वे तैयार किया। यह ऐतिहासिक उपलब्धि उत्तर प्रदेश में बन रहे गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान हासिल की गई। पिछले साल अगस्त में एनएचएआई ने 105 घंटे और 33 मिनट के रिकॉर्ड समय में महाराष्ट्र में अमरावती और अकोला के बीच 75 किलोमीटर लंबी बिटुमिनस कंक्रीट की सड़क बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था।

टोल से मिलने वाला राजस्व बढ़ा

बीते नौ वर्षों में टोल से मिलने वाला राजस्व 4,770 करोड़ रुपये से बढ़कर 41,342 करोड़ रुपये हो गया है। सरकार का इरादा टोल राजस्व को वर्ष 2030 तक 1.30 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का है।

फास्टैग से समय की बचत

टोल संग्रह के लिए फास्टैग प्रणाली के इस्तेमाल से टोल प्लाजा पर वाहनों के इंतजार करने का समय घटकर 47 सेकंड रह गया है। सरकार इस समय को 30 सेकंड के भीतर लाने के लिए कुछ और कदम उठा रही है।

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