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Benefits Of Berries: पेट संबंधी विकारों के लिए लाभकारी है जामुन, शुगर नियंत्रित करने में जामुन की छाल कारगर

Benefits Of Berries: मौसमी फल होने के कारण इन दिनों जामुन कई चौक-चौराहों पर बिकते दिख जाता है। इसे जामुन के अलावा जंबुल, ब्लैक प्लम, जावा प्लम, जंबोलन के नाम से भी जाना जाता है। अपने गहरे रंग और खट्टे-मीठे स्वाद की वजह से यह फल काफी पंसद किया जाता है। यह फल कई तरह के आयुर्वेदिक गुणों और विटामिन्स से भरपूर है। जामुन विटामिन-ए और विटामिन-सी का अच्छा स्रोत है जो आंखों व त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। त्वचा को चमकदार बनाने और मुंहासों को जड़ से खत्म करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

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शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि जामुन का फल 70 प्रतिशत खाने योग्य होता है। इसमें ग्लूकोज और फ्रक्टोज दो मुख्य स्रोत होते हैं। फल में खनिजों की संख्या अधिक होती है। अन्य फलों की तुलना में यह कम कैलोरी प्रदान करता है। एक मध्यम आकार का जामुन 3-4 कैलोरी देता है। इसके बीज में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम की अधिकता होती है। यह आयरन का बड़ा स्रोत है। प्रति 100 ग्राम जामुन में एक से दो मिलीग्राम आयरन होता है। इसमें विटामिन-बी, कैरोटिन, मैग्नीशियम और फाइबर भी होता है। (Benefits Of Berries)

पेट की समस्या और पथरी का इलाज

जामुन को मधुमेह, एनीमिया, पेट की समस्याओं, यकृत और पथरी रोग के उपचार के साथ-साथ दस्त, मेनोरेजिया (अतिरिक्त रक्तस्राव), मतली और उल्टी की समस्या से परेशान लोगों के लिए अमृत के समान बताया गया है। इसके ये विशिष्ट गुण इसे हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद बनाते हैं। डॉ. शुक्ला ने बताया कि जामुन का केवल फल ही नहीं, बल्कि इसके बीज, छाल और पत्तियों का उपयोग विभिन्न गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। जामुन एंटीऑक्सिडेंट का सबसे समृद्ध स्रोत है। साथ ही इसमें फ्लेवोनोइड पाया जाता है जो पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। (Benefits Of Berries)

जामुन में कई औषधीय गुण मौजूद

जामुन में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर की कई परेशानियों को दूर करने में प्रभावी है। जामुन की तरह जामुन की छाल भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है। इसमें कई तरह के आवश्यक तत्व जैसे फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, आयरन और विटामिन पाए जाते हैं। जामुन के छाल का इस्तेमाल आयुर्वेद की कई औषधियों में किया जाता है। खासतौर पर मधुमेह के रोगियों को जामुन की छाल का सेवन करने की सलाह दी जाती है। अक्सर डायबिटीज रोगियों को जामुन की गुठली का पाउडर खाने की सलाह दी जाती है। आयुर्वेद में शुगर को नियंत्रित करने के लिए जामुन की छाल का सेवन करने की भी सलाह दी जा सकती है। जामुन की गुठली की तरह इसमें भी ब्लड-शुगर को कंट्रोल करने का गुण होता है, जो डायबिटीज की समस्याओं को कंट्रोल करने में प्रभावी है। (Benefits Of Berries)

गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद

गले में होने वाले दर्द, खराश और जलन को दूर करने के लिए जामुन की छाल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए जामुन की छाल को एक कप पानी में उबाल लें। अब इस पानी से नियमित रूप से सुबह-शाम कुल्ला करें। इससे गले में होने वाले दर्द और खराश से आराम मिलता है। आयुर्वेद के अनुसार, जामुन के फल को खाली पेट खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा इस फल को खाने के कम से कम एक घंटे बाद और पहले तक दूध का सेवन करने से भी बचना चाहिए। ऐसा नहीं करने से फायदे की जगह स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने की संभावना रहती है। जामुन की छाल गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होती है। हालांकि इसका सेवन करने से पहले एक बार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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