BJP ने अपने सभी विधायकों को रायपुर बुलाया, मुख्यमंत्री को लेकर कवायद तेज

छत्तीसगढ़ में भाजपा ने 54 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बना ली है। अपने इतिहास में भाजपा ने छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की। इसी तरह कांग्रेस ने अब तक सबसे कम 35 सीटें हासिल की है। भाजपा का बहुमत आने के बाद जब CM रेस की बात आई तो रायगढ़ से जीते ओपी चौधरी के बारे में तेजी से अफवाह फैली कि उन्हें दिल्ली बुला लिया गया है। आखिर में ओपी चौधरी को ट्वीट करना पड़ा कि ये झूठी खबर फैलाई गई है।

बहुमत मिलने के बाद भाजपा में अब मुख्यमंत्री की रेस है। डॉ. रमन सिंह का नाम सबसे आगे है, लेकिन पार्टी शुरुआत से ही OBC की बात करती रही है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और धरमलाल कौशिक बड़ा चेहरा हैं। वहीं आदिवासी चेहरे के रूप में विष्णुदेव साय और रामविचार नेताम बड़ा नाम हैं। दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस की ओर से चरणदास महंत और भूपेश बघेल का नाम पहली कतार में है। भूपेश बघेल OBC के रूप में कांग्रेस के पास राष्ट्रीय चेहरा हैं। ऐसे में हो सकता है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इसे भुनाना चाहे।

जानकारी के मुताबिक BJP का मंत्रिमंडल अनुभवी और युवाओं का मिश्रण होगा, जिसमें युवा चेहरे और अनुभवी दोनों लोग शामिल किए जाएंगे। अनुभवी लोगों में बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, धरमलाल कौशिक, रामविचार नेताम, केदार कश्यप शामिल हैं। जबकि नए और युवा चेहरों में अरुण साव, ओपी चौधरी, विजय शर्मा जैसे नाम शामिल हैं। इस चुनाव में भाजपा ने चार सांसदों को मैदान में उतारा था। रायगढ़ सांसद गोमती साय को पत्थलगांव से, दुर्ग सांसद विजय बघेल को पाटन से, बिलासपुर के सांसद अरुण साव को लोरमी से और सरगुजा सांसद रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत से मैदान में उतारा। 

सांसदों में गोमती साय, अरुण साव और रेणुका सिंह ने जीत दर्ज की। जबकि विजय बघेल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से हार गए। कांग्रेस ने अपने एक सांसद दीपक बैज को चित्रकोट से उतारा, वे भाजपा के विनायक गोयल से चुनाव हार गए। 7 नवंबर को पहले चरण का मतदान हुआ था। इसमें बस्तर संभाग की 12 और राजनांदगांव लोकसभा की 8 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी। इन 20 सीटों में भाजपा ने 11 सीटें जीती हैं। जबकि कांग्रेस को सिर्फ 9 सीट मिली। दूसरे चरण की वोटिंग 17 नवंबर को हुई। इसमें भाजपा को 42 सीट मिली और कांग्रेस को 26 सीट मिली। एक सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को मिली।

कांग्रेस को 22 विधायकों का टिकट काटना भारी पड़ गया, जिन 22 विधायकों के टिकट काटे गए, उनमें से 15 सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस ने प्रतापपुर, पंडरिया, नवागढ़, रामानुजगंज, जगदलपुर, महासमुंद, सामरी, कांकेर, धरसीवां, चित्रकोट, अंतागढ़, दंतेवाड़ा, रायपुर ग्रामीण, मनेंद्रगढ़ और पाली तानाखार से सीटिंग एमएलए की टिकट काटी थी। भाजपा ने बिंद्रानवागढ़ और बेलतरा से विधायकों की टिकट काटी थी। इनमें एक में जीत और एक में हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में कहा जा सकता है कि BJP को सिर्फ और सिर्फ फायदा और कांग्रेस को सिर्फ और सिर्फ नुकसान हुआ है।

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