जगन्नाथ मंदिर के ‘रत्न भंडार’ को खोलने के लिए BJP नेता हाईकोर्ट पहुंचे, जानें क्या है गुप्त कक्ष का रहस्य

भुवनेश्वर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता समीर मोहंती ने शनिवार को ओडिशा उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की, जिसमें पुरी में भगवान जगन्नाथ का रत्न भंडार (Gem Store of Lord Jagannath) खोलने की मांग की गई है। अधिकारियों के अनुसार, भाजपा नेता ने मरम्मत और सजावट की सूची के लिए पुरी में भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार (खजाना) खोलने की अनुमति देने के लिए ओडिशा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। अधिकारियों ने बताया कि जनहित याचिका में, ओडिशा भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने श्री जगन्नाथ मंदिर की डुप्लीकेट चाबी या रत्न भंडार की (केंद्रीय जांच ब्यूरो) सीबीआई से जांच कराने की भी मांग की।

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श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार (Gem Store of Lord Jagannath) की डुप्लीकेट चाबी को लेकर बीजेपी नेता समीर मोहंती ने सीबीआई जांच की मांग की है. इस बीच, भगवान जगन्‍नाथ के बड़ाग्रही जगन्‍नाथ स्वैन महापात्र ने गुरुवार को वर्षों से पवित्र त्रिमूर्ति के नियमित अनुष्ठानों के दौरान पुराने आभूषणों के उपयोग पर नाराजगी व्यक्त की। भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन-भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा ने गुरुवार शाम को ‘राजराजेश्वर बेशा’ धारण किया, जो ‘सुना बेशा’ के नाम से मशहूर है।

लगभग 4 दशक से नहीं खुला है ‘रत्न भंडार’

कहा जाता है कि राजा कपिलेंद्र देब एक पड़ोसी राज्य पर विजय प्राप्त करके भारी मात्रा में सोने के आभूषण लाए थे. उन्होंने 1460 में जीते गए सभी मूल्यवान आभूषण और सोना मंदिर को दान कर दिया था. तब से, रथ यात्रा के दौरान ‘सुना बेशा’ देवताओं के लिए एक प्रमुख अनुष्ठान रहा है. (Gem Store of Lord Jagannath)

पुराने दिनों में राजा कपिलेंद्र देबा के शासनकाल के दौरान, देवताओं ने लगभग 138 डिज़ाइन के सोने के आभूषण पहने थे. लेकिन आजकल देवी-देवताओं को केवल 35 प्रकार के आभूषणों से ही सजाया जाता है. इन आभूषणों का वजन 208 किलोग्राम है. पुरी जगन्नाथ मंदिर का ‘रत्न भंडार’ करीब चार दशकों से नहीं खुला है. भगवान जगन्नाथ के ‘सुना बेशा’ को देखने के लिए 15 लाख से अधिक लोग पुरी पहुंचे.

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