
CG IAS Posting News : IAS डॉ. एस. भारतीदासन उच्च शिक्षा विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार संभालने जा रहे हैं। राज्य सरकार जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी कर सकती है। 2006 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी भारतीदासन, IAS आर. प्रसन्ना की जगह लेंगे, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जा रहे हैं।
भारतीदासन इससे पहले स्कूल शिक्षा और कृषि विभाग के सचिव रह चुके हैं। वे जनसंपर्क आयुक्त के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा, वे जांजगीर और रायपुर के कलेक्टर भी रह चुके हैं। कोविड महामारी के दौरान रायपुर कलेक्टर के रूप में उनके कार्यों की सराहना की गई थी। आईएएस भारतीदासन ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले अधिकारी माने जाते हैं। पूर्ववर्ती सरकार में वे मुख्यमंत्री के सचिव भी रह चुके हैं, लेकिन वर्तमान सरकार में अब तक उनके पास कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं थी। (CG IAS Posting News)
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वहीं IAS आर. प्रसन्ना को केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। प्रशासनिक सेवा में आने के बाद यह पहली बार है जब वे प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। केंद्र सरकार में उन्हें पांच साल की पोस्टिंग मिली है। (CG IAS Posting News)
कौन है IAS डॉ. एस. भारतीदासन
तमिलनाडु के रहने वाले एस भारती दासन छत्तीसगढ़ कैडर के 2006 बैच के आईएएस अफसर हैं। उनका जन्म 31 जुलाई 1977 को हुआ था। वे पुदुईककोट्टाई जिले के रहने वाले है। उनके पिता सरकारी शिक्षक थे और स्कूल में इतिहास व अंग्रेजी पढ़ाते थे। शिक्षक पिता के चलते घर में सख्त अनुशासन था। भारती दासन को अंग्रेजी विषय में पकड़ पिता के सानिध्य से बना। पिता भारती दासन को अक्सर क्लास में फर्स्ट आने के लिए प्रेरित करते थे। पिता की प्रेरणा से दसवीं क्लास में स्कूल में पहला स्थान भारती दासन ने प्राप्त किया पर 12वीं में उनके कम नंबर आए। जिसके चलते उनके पिता ने उनसे नाराज होकर बातचीत करना बंद कर दिया था। तब भारती दासन को अंदर से कुछ अच्छा करने व पढ़ाई में अच्छा स्थान बनाने की प्रेरणा मिली। जिसके बाद लगातार संघर्ष करते हुए वे आईएएस बने।
भारती दासन के माता पिता चाहते थे कि वे ग्रेजुएशन में डॉक्टरी की पढ़ाई करे। पर 12वीं में कम अंक आने के चलते उनका मेडिकल में एडमिशन नहीं हो सकता था। तब माता ने उन्हें श्रेणी सुधार करने हेतु दोबारा 12वीं की परीक्षा दिलाने के लिए कहा। कुछ दिन दोबारा पुराना कोर्स पढ़ने के बाद उन्होंने श्रेणी सुधार का विचार त्याग दिया और अपने पेरेंट्स को इस बात के लिए कन्वेंस किया कि आगे वे अपनी पढ़ाई कंटिन्यू करना चाहते हैं। अब जो भी वे पढ़ेंगे उसमें एक अच्छा मुकाम मनाएंगे और उन्हें निराश नही होने देंगे। तब उनके माता पिता ने उन्हें अनुमति दे दी।
इसके बाद भारती दासन ने मदुरई एग्रीकल्चर कॉलेज से किया। मदुरई कॉलेज से पढ़कर निकले कई छात्र यूपीएससी सेलेक्ट हो चुके थे। वे अक्सर कॉलेज के कार्यक्रमों में आते थे। यहां के छात्र शैलेंद्र बाबू आईपीएस, डी रवि आईपीएस, सुब्बाराव आईएएस बन चुके थे। कॉलेज फंक्शंस में आने के दौरान इ भारती दासन को इंटरेक्शन का मौका मिला और वह सिविल सेवाओं के प्रति आकर्षित हुए।
बीएससी के बाद भारती दासन आईएएस बनना चाहते थे। उनके शिक्षक पिता की भी पुरानी इच्छा यही थी। पर यूपीएससी में चयन न होने की स्थिति में अपना करियर सुरक्षित करने के लिए उन्होंने पहले आईएआरए पूसा से एमएससी किया। एमएससी एंट्रेंस एग्जाम के लिए जब भारती दासन दिल्ली गए तो वे वहां 5 छात्र एक साथ एक कमरे में रहते थे। जमीन पर सोकर भारती दासन ने पढ़ाई की। वे दिल्ली के वसंत हॉस्टल के रूम नंबर 39 में रहकर पढ़ते थे। जब भारती दासन दिल्ली गए थे तब उन्हे एग्रीकल्चर कालेज पूसा के सीनियर सेंथल पांडियन ने उन्हें अपने साथ रखा था। वे 2002 बैच के आईएएस बने। सेंथल पांडियन ने प्लेन पैथोलाजी में पीएचडी किया था। उन्ही की तरह भारती दासन ने भी प्लेन पैथोलाजी से पीएचडी किया। फिर सेंट्रल पांडियन दिल्ली के वसंत हॉस्टल के जिस रूम नंबर 39 में रहते थे इस रूम में रहकर पढ़ाई पूरी की और आईएएस भी बने।
भारतीदासन अपने पहले प्रयास यूपीएससी का प्री भी नही निकाल पाए। दूसरे प्रयास में प्री तो निकला पर मेंस अटक गया। तीसरे प्रयास में प्री निकालकर इंटरव्यू तक पहुंचे पर सिलेक्शन नहीं हो पाया। अपने चौथे प्रयास में प्री, मेंस व इंटरव्यू निकालते हुए आईएएस बने। आईएएस बनने से पहले एमवीआईटी कालेज बैंगलोर में 28 दिनों तक प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाया भी। फिर यूपीएससी मेंस आने के चलते नौकरी छोड़ दिया। हालांकि इन 28 दिनों का कोई पारिश्रमिक भारती दासन ने नही लिया। भारती दासन सी सिविल पांडियन को गुरु मानते है। यूपीएससी सलेक्शन होने पर उनके कॉलेज के सीनियर शैलेंद्र बाबू जोकि आईपीएस हैं उन्होंने भारती दासन को प्रशस्ति पत्र भेजा था। जिसे दासन ने आज भी संभाल कर रखा है।
एस भारतीय दासन के पिता सरकारी शिक्षक थे। व माता गृहणी थीं। भारती दासन की दी बहने है। एक डॉक्टर तो दूसरी हाउस वाइफ है। भारती दासन की पत्नी मदुरई में बीएससी एग्रीकल्चर करने के दौरान उनकी तीन साल जूनियर थीं। वे उनसे पढ़ाई से संबंधित प्रश्न पूछा करती थीं। भारती दासन को पढ़ने व आगे बढ़ने के लिए वे अक्सर प्रेरित करती थीं। जिस दिन भारती दासन पढ़ाई नही करते थे उस दिन उनसे लड़ाई करती थीं। दासन दंपत्ति के दो बेटे हैं।
एस भारती दासन ने 29 अगस्त 2006 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। वे छत्तीसगढ़ में नवगठित जिले सूरजपुर के पहले कलेक्टर रहे। यहां काफी उल्लेखनीय कार्य करने के अलावा उन्होंने जिला स्तर पर होने वाली तृतीय चतुर्थ श्रेणी की भर्ती परीक्षाओं को निर्विवाद ढंग से निपटाया। इसके बाद में वे जांजगीर–चांपा जिले के कलेक्टर बने। फिर राजधानी रायपुर के कलेक्टर रहें। अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी निर्वाचन, प्रबंध संचालक नागरिक आपूर्ति, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग रहें। मार्कफेड में रहते हुए धन के शॉर्टेज को 17% से आधा प्रतिशत लाने का चमत्कारिक काम भारती दासन से ही संभव हो सका। प्रबंध संचालक कृषि विपणन, कृषि संचालक के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। विशेष सचिव कृषि विभाग, नोडल अधिकारी नरवा, घुरवा, बाड़ी और गोधन न्याय योजना, विशेष सचिव मुख्यमंत्री, जनसंपर्क विभाग के आयुक्त सह संचालक के पद पर पदस्थ रहें हैं। वे केंद्र में ज्वाइंट सेकेट्री भी इंपेनल हो चुके है।