Chhattisgarh: 1-2 द‍िन नहीं 11 साल से छुट्टी पर पटवारी, अब जाकर SDM ने लिया एक्शन, पढ़े पूरी खबर

Chhattisgarh : धान का कटोरा’ कहा जाने वाला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh ) राज्य 24 साल पहले बना था। इस राज्य के निर्माण का मकसद था कि व्यवस्था बेहतर ढंग से काम करेगी। इससे आदिवासी जीवन और जंगली संपदा से समृद्ध राज्य में खुशहाली आएगी। लेकिन छत्तीसगढ़ की व्यवस्था कैसे काम करती है। इसका जीता जागता सबूत बिलासपुर जिले से सामने आया है।

छत्तीसगढ़ में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पटवारी पिछले 11 वर्षों से बिना स्वीकृत छुट्टी के गायब था। यह मामला तब प्रकाश में आया जब शिकायतों के बाद एसडीएम ने कड़ा रुख अपनाते हुए पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की। लंबे समय से अनुपस्थित रहने वाले इस कर्मचारी की लापरवाही और प्रशासन की सुस्त चाल ने सवाल खड़े कर दिए हैं।

11 साल से अनुपस्थित पटवारी को एसडीएम ने बर्खास्त कर दिया है। पटवारी 4 अगस्त 2013 से अपनी अस्वस्थता के कारण लगातार 11 वर्षों से अनुपस्थित था। जिस पर बिलासपुर जिले के तखतपुर अनुविभाग के एसडीएम ने आदेश जारी किया हैं।

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तखतपुर तहसील में राजेश सिंह पटवारी के पद पर पदस्थ थे। अपनी अस्वस्थता के कारण 4 अगस्त 2013 से निरंतर आज दिनांक तक अनुपस्थित रहने की दशा में Chhattisgarh  सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर तथा वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में कलेक्टर भू अभिलेख शाखा के द्वारा तखतपुर के एसडीएम को बर्खास्तगी के संबंध में मार्गदर्शन दिया गया था। तखतपुर एसडीएम ने मध्य प्रदेश भू अभिलेख नियमावली के अध्याय 1 नियम 1(2) में प्रदत्त शक्तियों के तहत राजेश सिंह पटवारी तहसील कार्यालय तखतपुर को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक कर दिया है।

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यह मामला केवल एक कर्मचारी की लापरवाही तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें प्रशासनिक तंत्र की कमजोरी भी उजागर होती है। इतने लंबे समय तक किसी ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया? क्या प्रशासनिक निगरानी और अनुशासन में कमी है?

हालांकि, एसडीएम द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह घटना सरकारी तंत्र में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है। अब प्रशासन की विश्वसनीयता और उसकी दक्षता पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि सुधार के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।

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