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छत्तीसगढ़ : समृद्धि और विकास के तीन साल, सामाजिक और मानवीय संसाधन का समन्वित विकास

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में विकास की रफ्तार तेज हुई है। वर्षो से अटके हुए कई अपूर्ण कार्य पूर्ण हुए हैं। मुख्यमंत्री के मंशानुरूप और उनके निर्देश पर जिले में अधोसंरचना विकास के साथ-साथ सामाजिक और मानवीय विकास पर समदर्शीय रूप से ध्यान दिया गया है। राज्य सरकार के तीन साल पूर्ण होने के अवसर पर जिले में हुए सामाजिक और मानवीय विकास को रेखांकित किया गया है। तीन वर्षो के दौरान किसान, महिला, शिक्षा, स्वास्थ्य, वन अधिकार, सुपोषण, सामाजिक सुरक्षा जैसे मानवीय विकास को केन्द्र में रखकर विकास को गति दी गई है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना

राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों के लिए आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। इस योजना के लागू होने से किसानों को नियत अंतराल पर उनके उपज के अनुसार प्रोत्साहन राशि दिया जाता है। इससे किसान साहूकारों से लेने वाले ऋण और उसके ब्याज से मुक्त रहते है। इसके अन्तर्गत जिले में वर्ष 2019-20 में पंजीकृत कुल 71475 किसानों को (किसान न्याय योजना की कुल राशि 9000 रूपये प्रति एकड़ के मान से) कुल राशि 20041.44 लाख रूपये एवं वर्ष  2020-21 में पंजीकृत कुल 76052 किसानों को (किसान न्याय योजना की कुल राशि 9000 रूपये प्रति एकड़ के मान से) प्रथम किस्त के रूप में राशि 52.70 लाख रूपयें, द्वितीय किस्त के रूप में 52.72 लाख रूपये एवं तृतीय किस्त के रूप में 52.71 लाख रूपये कुल राशि 158.13 लाख रूपयें का भुगतान किया जा चुका है।

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भुखमरी से मुक्ति, गरीबों को निःशुल्क राशन

राज्य शासन द्वारा राशन सामग्री निःशुल्क वितरण करने के कारण सभी बी.पी.एल. राशन कार्डधारियों को सुलभता से राशन प्राप्त हुआ और भुखमरी जैसी कोई स्थिति कही भी निर्मित नहीं हुआ है। गरियाबंद जिले में 1 लाख 78 हजार 456 राशन कार्डधारियों के कुल 6 लाख 19 हजार 327 सदस्यों को इस योजना से लाभान्वित हो रहे है। कल्याणकारी योजना अन्तर्गत विभाग से प्रतिमाह 82 आश्रम/छात्रावास के 4036 छात्रांे के लिये कुल 605.4 क्विंटल चावल का आबंटन दिया जा रहा है। जेल कैदियों हेतु प्रतिमाह 25 क्विंटल खाद्यान्न दिया जा रहा है। स्कूल के अध्ययनरत विद्यार्थियों को मध्यान्ह भोजन एवं आंगनबाड़ी के बच्चों को भी खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।

स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार

जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार कर जिलेवासियों को बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने कीपहल की गई है। कोविड के दौरान एंबुलेंस, ऑक्सीजन बेड, आई.सी.यू बेड की क्षमताओं में विस्तार किया गया। वहीं लोगों को उनके गांव तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना का प्रांरभ अगस्त 2019 से किया गया। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना अंतर्गत दिसंबर 2019 तक 1840 हाट बाजार क्लीनिक आयोजित किए गए जिसमें 45 हजार 669 हितग्राहियों को लाभान्वित कर 39 हजार 122 को दवाईयां वितरित किया गया।

50 बिस्तर डेडिकेटेड कोविड अस्पताल- जिले में कोविड-19 से बचाव एवं रोकथाम तथा कोविड धनात्मक मरीजों के समुचित उपचार हेतु 50 बिस्तर डेडिकेटेड कोविड अस्पताल की स्थापना की गई है, जहां कुल 1473 कोविड धनात्मक मरीजों का उपचार किया गया तथा 12 कोविड मरीजों का सफल प्रसव कराया गया। राष्ट्रीय स्तर पर भी डेडिकेटेड कोविड अस्पताल की सराहना की गई है।

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स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय

राज्य शासन के पहल पर जिले के सभी विकासखण्डों में स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम 5 विद्यालय गरियाबंद, फिंगेश्वर, छुरा, मैनपुर व देवभोग विकासखंड मुख्यालय में कक्षा 01 से 10 तक स्कूल संचालित है। शासन की मंशानुसार प्रवेश के लिए 25 प्रतिशत से बीपील 50 प्रतिशत बालिकाओं एवं 25 प्रतिशत अनारक्षित छात्रों के लिए सुरक्षित है। सत्र् 2021-22 में कुल दर्ज संख्या प्राथमिक कक्षा में 988 पूर्व माध्यमिक में 596 और हाईस्कूल में 243 कुल 1837 विद्यार्थी अध्ययनरत् है। महतारी दुलार योजना अंतर्गत 15 विद्यार्थी को प्रवेश दिया गया है। समाज की मुख्यधारा से जुड़ते हुये आत्मसमर्पित नक्सलियों की बच्चों की प्रवेशित संख्या 04 एवं नक्सल पीड़ित परिवार के बच्चों को पुनर्वास नीति के तहत् 05 बच्चों को स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में प्रवेश दिया गया है। स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के भवन, पूर्णतः अधोसंरचना उन्नयन एवं नवीन भवन के साथ शौचालय, पेयजल, रैम्प, अत्याधुनिक प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लास रूम, पुस्तकालय कक्ष, नवीन फर्नीचर, खेल सामग्री के साथ समस्त सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। महातारी दुलार योजनातंर्गत जिले में कुल-126 बच्चों को कक्षा 1ली से 12वीं तक प्रवेश दिया गया है।

गरियाबंद जिले में वन अधिकार अधिनियम संचालन हेतु 519 ग्राम सभाओं का गठन किया गया है। गरियाबंद जिले में वन अधिकार अधिनियम लागू होने के पश्चात् 21 हजार 265 वन अधिकार पत्र, रकबा 19061.824 हेक्टेयर हेतु वितरित किया गया है। 693 हितग्राहियों को सामुदायिक वन अधिकार पत्र, रकबा 73079.476 हेक्टेयर प्रदान किया गया। गरियाबंद जिले में पहली बार सामुदायिक वन संसाधन अधिकार का वितरण वर्ष 2020 में किया गया है, जिसके अंतर्गत ग्राम सभाओं को वनों के संरक्षण, सवंर्धन तथा वन संसाधनों के हक का अधिकार भी दिया गया है। गरियाबंद जिले में अब तक 114 ग्रामों के वन संसाधन अधिकार पत्र रकबा 58119.509 हेक्टेयर स्वीकृत किये गये है तथा 37 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किये जा चुके है।

आलेख : पोषण कुमार साहू 
सहायक जनसंपर्क अधिकारी गरियाबंद

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