सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को लेकर मांगा जवाब

Notice to Central Government: सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जारी 1.5 लाख करोड़ रुपए GST नोटिस को लेकर जवाब मांगा है। SC ने इसके लिए सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है। हालांकि कोर्ट ने सरकार की ओर से जारी टैक्स नोटिसों पर रोक नहीं लगाई है। मामला 1 अक्टूबर 2023 तक के पीरियड से जुड़ा है, जिसमें ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की सर्विसेज पर GST 18% की बजाय 28% की दर से लगाया गया है। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों का कहना है कि गेमिंग पर GST की नई दर 1 अक्टूबर 2023 से मानी जाए। जबकि सरकार का कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग पर 28% की टैक्स देनदारी अभी की नहीं है। बल्कि ये तो पहले से ही मौजूद है। इसीलिए कंपनियों को पुराना बकाया चुकाना होगा।

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बता दें कि 1 अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग पर 28% गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लगना शुरू हो गया है GST काउंसिल ने जुलाई में ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स-रेसिंग और कैसिनो पर 28% GST लगाने का ऐलान किया था। पहले इन खेलों पर 18% तक टैक्स लगता था। टैक्स सिर्फ एंट्री लेवल पर कलेक्ट किया जाएगा। मान लीजिए आपने गेम खेलने के लिए 100 रुपए डिपॉजिट किए। इन पैसों पर 28% GST लगेगा। अब आप गेम में जीत हासिल करते हैं और ये रकम बढ़कर 200 रुपए हो जाती है। अब इन 200 रुपए को आप विड्रॉ नहीं करते हैं और फिर से गेम खेलते हैं। तो इन पैसों पर दोबारा 28% GST नहीं लेगेगा। देश के 40 करोड़ लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं। 2025 तक इस इंडस्ट्री के 5 अरब डॉलर यानी करीब 41 हजार करोड़ होने के आसार हैं। (Notice to Central Government)

केंद्र सरकार ने 22 सट्टा एप्स को किया ब्लॉक

2017-2020 के बीच देशी मोबाइल गेमिंग इंडस्ट्रीज 38% सालाना की दर से बढ़ी थी। इस इंडस्ट्री के बढ़ने का रफ्तार दुनिया में सबसे तेज है। भारत के बाद चीन और अमेरिका का गेमिंग ग्रोथ 8% और 10% है। वहीं 6 नवंबर 2023 को केंद्र सरकार ने ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा चलाने के लिए कुख्यात महादेव बुक एप की वेबसाइट को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया था।  केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मांग पर महादेव समेत 22 अवैध सट्टेबाजी एप्स और वेबसाइटों के खिलाफ ब्लॉकिंग आदेश जारी किया था। ये सभी वेबसाइट अब बंद कर दिए गए हैं। बता दें कि महादेव एप से सट्टेबाजी को लेकर पुलिस के बाद ED ने भी जांच शुरू की थी। इसके बाद भी महादेव ऐप की वेबसाइटें बंद नहीं हुई थी। (Notice to Central Government)

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