उद्धव ठाकरे को लगेगा झटका या शिंदे की बढ़ेगी मुश्किल, महाराष्ट्र की राजनीति में क्या होगा? फैसला आज

Shiv Sena MLA Disqualification: आज पूरे देश की निगाहें महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर पर लगी है। स्पीकर राहुल नार्वेकर को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों की अयोग्यता पर फैसला करना है। ये फैसला सभी 40 विधायकों पर लागू होगा जो शिंदे गुट के साथ हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक विधानसभा स्पीकर ने सुनवाई पूरी कर ली है अब आज शाम तक फैसला आ जाएगा। विधानसभा के स्पीकर का फैसला आने से पहले उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुका है। उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया है कि स्पीकर ने दो बार सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की है।

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बता दें कि (Shiv Sena MLA Disqualification) सुप्रीम कोर्ट ने इसे 10 जनवरी तक बढ़ा दिया। इस बीच 7 जनवरी को दोपहर के भोजन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की मुलाकात हुई। फैसले से पहली ही उद्धव ठाकरे ने स्पीकर और सीएम शिंदे की मुलाकात पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुरेश प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करके इस मुलाकात पर आपत्ति ज़ाहिर कर दी है।

वहीं, स्पीकर ने उद्धव ठाकरे के इस एक्शन को न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला कदम करार दिया है। आज फैसले का बेसब्री से इंतज़ार हो रहा है क्योंकि यही फैसला ना केवल शिंदे गुट के बाकी विधायकों पर लागू होगा बल्कि अजीत पवार गुट के विधायकों को लेकर भी फैसला इसी लाइन पर आ सकता है। इस बीच सीएम एकनाथ शिंदे ने उम्मीद जताई है कि फैसला मेरिट के आधार पर आएगा। (Shiv Sena MLA Disqualification)

शिवसेना का समीकरण-
अब एक बार शिवसेना का समीकरण समझ लीजिए। जून 2022 में शिवसेना में बगावत हुई थी। 56 विधायकों में से उस वक्त शिवसेना के पहले 16 फिर 24 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ चले गए। उद्धव गुट के पास केवल 16 विधायक बचे हैं। एकनाथ शिंदे सीएम बने और बीजेपी के समर्थन से सरकार बना ली। उसी वक्त से ये मामला विधानसभा स्पीकर और सुप्रीम कोर्ट दोनों जगह चल रहा है। चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को नाम और शिवसेना का चुनाव चिन्ह दे दिया है। शिंदे को उम्मीद है कि आज भी फैसला उनके हक में ही आएगा

फैसला शिंदे के हक में आएगा या उद्धव के हक में इसके असर दूरगामी होंगे। इसलिए ये समझ लीजिए कि फैसले का असर क्या पड़ेगा। अगर एकनाथ शिंदे गुट अयोग्य साबित हुआ तो?

अगर एकनाथ शिंदे गुट अयोग्य साबित हुआ तो?
सीएम एकनाथ शिंदे को तुरंत इस्तीफा देना होगा।
तकनीकी तौर पर महाराष्ट्र की सरकार गिर जाएगी।
NCP गुट के विधायकों के समर्थन से NDA पर असर नहीं पड़ेगा।
सीएम बदल जाएगा लेकिन NDA सरकार दोबारा बन जाएगी।
अयोग्य होने के बाद एकनाथ शिंदे दोबारा शपथ नहीं ले पाएंगे।
इस फैसले का असर अजीत पवार गुट पर भी पड़ेगा। दूसरी स्थिति में अगर शिंदे गुट योग्य घोषित हुआ तो-

पहले 16 और फिर 24 सभी विधायक बने रहेंगे।
एकनाथ शिंदे सीएम बने रहेंगे।
ठाकरे कैंप के और विधायक एकनाथ शिंदे के साथ आ सकते हैं।
फैसले के बाद शिंदे और उद्धव दोनों ही गुटों के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का अधिकार होगा इसके लिए उनके पास 30 दिन का वक्त होगा। लेकिन उद्धव ठाकरे की बेचैनी बता रही है कि वो कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते इसलिए पहले ही सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुके हैं।

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