केंद्रीय पूल में चावल उपार्जन के लक्ष्य में कटौती पर CM बघेल ने केंद्र सरकार को लिखा पत्र

CM Bhupesh Wrote Letter: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारत सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में केंद्रीय पूल में चावल उपार्जन का लक्ष्य 86.5 लाख मीट्रिक टन यथावत रखने का अनुरोध किया है। साथ ही परिणामी चावल की पैकेजिंग के लिए 3.56 लाख गठान नए जूट बैग की आपूर्ति जूट कमिश्नर के माध्यम से कराए जाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार द्वारा खाद्य सचिवों की बैठक 21 अगस्त 2023 की जारी कार्रवाई विवरण 28 अगस्त 2023 द्वारा राज्य में धान के उपार्जन अनुमान 130 लाख टन के अनुसार बनने वाले परिणामी चावल की 86.5 लाख मीट्रिक टन मात्रा को घटाते हुए 61 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त जूट पैकेजिंग की छठवीं आपूर्ति योजना 6 सितंबर 2023 द्वारा केन्द्रीय पूल में चावल उपार्जन के लिए आवश्यक नये जूट बारदानों की आपूर्ति मात्रा को कम करते हुए 3.56 लाख गठान के स्थान पर 2.45 लाख गठान किया गया है। (CM Bhupesh Wrote Letter)

https://twitter.com/bhupeshbaghel/status/1699746826210193877

मुख्यमंत्री बघेल ने 21 अगस्त 2023 को खाद्य सचिवों की बैठक में हुई चर्चा का का उल्लेख करते हुए कहा है कि इस बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में राज्य शासन द्वारा धान खरीदी की सीमा 20 क्विंटल प्रति एकड़ किए जाने का उल्लेख करते हुए, जो कि कई सालों से खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 से 15 क्विंटल प्रति एकड निर्धारित थी, केन्द्रीय पूल में 86 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन के लक्ष्य को यथावत रखे जाने का अनुरोध किया गया था। बीते सालों में धान के रकबे में हुई बढ़ोत्तरी के साथ-साथ राज्य के किसानों द्वारा उन्नत किस्म के बीजों के उपयोग और बेहतर उर्वरक प्रबंधन के दृष्टिगत उत्पादकता में वृद्धि हुई है।

20 क्विंटल प्रति एकड़ निर्धारित

विशेषत मध्य छत्तीसगढ़ के मैदानी क्षेत्रों में, जिसके चलते किसानों समूहों द्वारा की गई मांग के आधार पर राज्य में धान खरीदी की सीमा 15 क्विंटल प्रति एकड़ को बढ़ाते हुए राज्य शासन द्वारा अधिकतम 20 क्विंटल प्रति एकड़ निर्धारित की गई है। राज्य के कृषि विभाग द्वारा प्रथम अग्रिम अनुमान के आधार पर राज्य में बोए गए धान के रकबे 36 लाख हेक्टेयर में 136.5 लाख टन धान उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। राज्य के कुछ एक स्थानों को छोड़कर मानसून की स्थिति धान के फसल के अनुरूप है। राज्य के सिंचित रकबे में कुछ स्थानों पर पानी की कमी के चलते नहरों के माध्यम से सिंचाई का प्रबंध भी किया गया है। उपरोक्त व्यवस्था के दृष्टिगत राज्य में धान का उत्पादन अग्रिम अनुमान से ज्यादा होना अवश्यम्भावी है। (CM Bhupesh Wrote Letter)

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