भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी को लेकर सदन में जमकर हंगामा, कांग्रेस ने की CBI जांच की मांग

Discussion on Bharatmala Project: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 12वें दिन नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी का मुद्दा फिर उठाया। साथ ही इसकी CBI जांच की मांग की। महंत ने कहा कि 350 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी हुई है, जिसे मंत्री ने भी माना है। यह बहुत बड़ी गड़बड़ी है, जिसमें कई लोग मिले हुए हैं। छत्तीसगढ़ में दो-तीन राजनीतिक दल हैं, जिनके लोग भी इस गड़बड़ी में मिले हो सकते हैं। इसकी CBI से जांच होना चाहिए और दोषी अधिकारियों पर FIR कर जेल भेजा जाना चाहिए। इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि परियोजना में गड़बड़ी हुई है।

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उन्होंने बताया कि दो तीन तरह से गड़बड़ी की गई है। पहले से अधिकृत भूमि का दोबारा भू-अर्जन किया गया है। ट्रस्ट के बदले निजी व्यक्ति को जमीन दिया गया है। गलत मुआवजा भी दिया गया। अधिसूचना जारी होने के बाद रकबे के टुकड़े किए गए। डिप्टी कलेक्टर, SDM, तहसीलदार, पटवारी समेत कुछ अधिकारियों को निलंबित किया गया है। इस पर गंभीरता से जांच चल रही है और कार्रवाई भी हो रही है। संभागीय आयुक्त से पूरे मामले की जांच कराएंगे। एक-एक शिकायत की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करेंगे। (Discussion on Bharatmala Project)

विभागीय जांच से दोषियों को बचाने का मौका मिलेगा: महंत 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विभागीय जांच से दोषियों को बचाने का मौका मिलेगा। ये एक बड़ा घोटाला है, जिसमें कई प्रभावशाली लोग शामिल हो सकते हैं। मामले में केवल निलंबन से कुछ नहीं होगा। केंद्र सरकार के पैसे की गड़बड़ी की गई है। CBI जांच जरूरी है। मैं नहीं कह रहा हूं कि यह आपकी सरकार की गड़बड़ी है। इसे पिछली सरकार का घोटाला मानकर निष्पक्ष जांच करा लें। अगर पिछली सरकार के घोटाले की जांच कराने में कोई परेशानी नहीं है तो CBI जांच की मांग स्वीकार करें। इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जांच की बात मंत्री ने की है। कहीं कुछ गड़बड़ी आपको लगे तो बताइएगा। आपने तो अपने सरकार में CBI को बैन करके रखा था। (Discussion on Bharatmala Project)

CBI जांच को लेकर सत्ता-पक्ष विपक्ष में रार

CM साय के बयान पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमारी सरकार ने CBI को बैन किया तो आपने बैन हटाया है। अभी CBI जांच करवा लीजिए नहीं तो विधायकों की कमेटी से जांच करवा लीजिए। इसके बाद आसंदी से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मंत्री से पूछा कि क्या विधायकों की कमेटी से जांच कराएंगे। इस पर राजस्व मंत्री ने कहा कि हम संभागीय आयुक्त से जांच करवाएंगे। इस बीच पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि शिकायतों के आधार पर आप जो जांच कर रहे हैं उस पर विश्वास नहीं है। इसीलिए तो कह रहे हैं कि CBI जांच करवा लीजिए। इस दौरान विपक्ष CBI या विधायकों से जांच की मांग पर अड़ा रहा। (Discussion on Bharatmala Project)

बीजेपी विधायक रिकेश सेन ने कसा तंज

बीजेपी विधायक रिकेश सेन ने कहा कि कब से केंद्रीय एजेंसियों पर आप लोगों को भरोसा होने लगा? कभी CBI तो कभी ED की बात करने लगे हैं। राज्य की एजेंसी पर भरोसा रखिए। इस दौरान विधायक रिकेश सेन और विपक्ष के विधायकों के बीच नोक-झोंक हुई। इसके बाद आसंदी से विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी विधायक रिकेश सेन को रोकते हुए कहा कि आप बैठिए। वहीं राजस्व मंत्री ने कहा कि मामले की विस्तृत और सूक्ष्म जांच कराएंगे, जो भी अधिकारी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की और कहा कि मैं मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हूं। आप हस्तक्षेप करिए। (Discussion on Bharatmala Project)

महंत ने हाईकोर्ट जाने की कही बात

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायकों की कमेटी से जांच का निर्णय शासन ही ले सकती है। आप विधानसभा अध्यक्ष रहे हैं। व्यवस्था जानते हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अगर आपने भी मुझे निराश किया तो मुझे इस मामले में हाईकोर्ट जाना पड़ेगा। इस पर आसंदी से विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आप जा सकते हैं, कौन रोक सकता है। इसके बाद विपक्ष के विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। साथ ही नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। वहीं प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू ने ट्रांसफार्मर, केबल और वायर जैसे सामग्रियों की खरीदी में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भंडार क्रय नियम का पालन नहीं किया गया है। खरीदी में गड़बड़ी हुई है, जिसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि शासन का भंडार क्रय नियम बिजली कंपनियों पर लागू नहीं होता है। गड़बड़ी नहीं हुई है। (Discussion on Bharatmala Project)

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