CBI जांच की मांग पर CM विष्णुदेव साय का कांग्रेस पर निशाना, कहा- जिन्होंने बैन किया था…वो अब CBI जांच की मांग कर रहे हैं

CM Sai on Mahant: छत्तीसगढ़ विधानसभा में भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी को लेकर में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने भ्रष्टाचार होने की बात स्वीकारी और संभागीय आयुक्त से जांच कराने की घोषणा की, लेकिन विपक्ष CBI जांच की मांग पर अड़ा रहा, जिसे लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस पर तंज कसा है। उन्होंने CBI को बैन करने पर पिछली सरकार पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि कांग्रेस जनता का विश्वास खो चुकी है। वे कुछ भी बोले कोई फर्क नहीं पड़ता। स्वार्थ के लिए अपना कथन बदलते रहे हैं। पिछले कार्यकाल में जिन्होंने CBI को बैन कर रखा था वो ही आज CBI जांच की मांग कर रहे हैं।

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इससे पहले CM विष्णुदेव साय ने सदन में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की मांग पर कहा था कि कांग्रेस की सरकार ने CBI को बैन किया था। विधानसभा में चर्चा के दौरान राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने माना कि भारतमाला परियोजना में अनियमितताएं हुई है। उन्होंने कहा कि अधिसूचना जारी होने के बाद रकबे के टुकड़े कर दिए गए। वहीं पहले से अधिकृत भूमि का दोबारा भू-अर्जन किया गया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने साय सरकार के जवाब पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि सिर्फ विभागीय जांच से दोषियों को बचने का मौका मिल जाएगा। यह एक बड़ा घोटाला है, जिसमें कई प्रभावशाली लोग शामिल हो सकते हैं। दोनों राजनीतिक दलों के लोग भी इसमें मिले हो सकते हैं। (CM Sai on Mahant)

सिर्फ निलंबन से कुछ नहीं होगा: महंत

नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा कि सिर्फ निलंबन से कुछ नहीं होगा, बल्कि दोषी अधिकारियों पर FIR दर्ज कर उन्हें जेल भेजना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि निलंबन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे दोषी कुछ समय बाद फिर बहाल हो जाते हैं और उसी तरह से काम करते हैं। इस पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राजस्व मंत्री ने अच्छे से जवाब दिया है। अगर जांच में कोई शिकायत होगी तो हमें बताइएगा। इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाएगी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने ही CBI को बैन कर दिया था। अब वही कांग्रेस CBI जांच की मांग कर रही है। वहीं बीजेपी विधायक रिकेश सेन ने कहा कि कांग्रेस को अब केंद्रीय एजेंसियों पर भरोसा कैसे हो गया। (CM Sai on Mahant)

विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट

उन्होंने कहा कि जो लोग CBI को बैन करते हैं और ED पर सवाल उठाते हैं, वे अब खुद जांच की मांग कर रहे हैं। बता दें कि नेता प्रतिपक्ष ने विपक्ष के विधायकों की समिति बनाकर जांच कराने की भी मांग की, लेकिन सरकार ने इसे खारिज कर दिया। आयुक्त से जांच कराने का निर्णय लेने से नाराज विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इस दौरान महंत ने भ्रष्टाचार के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सरकार दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है, इसलिए विपक्ष को कानूनी रास्ता अपनाना पड़ेगा। (CM Sai on Mahant)

जानिए क्या है भारतमाला घोटाला ?

  • भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक सड़क बनेगा।
  • एक्सप्रेस-वे निर्माण से रायपुर से विशाखापट्टनम की 83 किमी की दूरी घटेगी।
  • 2019-2021 तक अभनपुर के नायकबांधा और उरला गांव में जमीन अधिग्रहण हुआ।
  • 2019-2021 तक जमीन अधिग्रहण में ज्यादा मुआवजा देने का आरोप लगा।
  • 32 खसरा को आठ गुना मुआवजा देने के लिए 247 टुकड़ों में बांटा गया।
  • तत्कालीन SDM निर्भय साहू ने 35 करोड़ के मुआवजे को 326 करोड़ बना दिया।
  • 248 करोड़ मुआवजा मिला। 78 करोड़ क्लेम के वक्त नेशनल हाईवे प्रबंधन की आंख खुली।
  • केंद्र सरकार तक मामला पहुंचने के बाद 5 बार जांच के लिए चिट्ठी आई।
  • नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विधानसभा में मुद्दा उठाया।
  • विधानसभा में मामला उठने के 7 दिन बाद गलत मुआवजा मामले में तत्कालीन SDM निर्भय कुमार साहू को सस्पेंड किया गया है।
  • पिछले साल नायब तहसीलदार लखेश्वर किरण, तत्कालीन पटवारी जितेंद्र साहू, दिनेश पटेल, लेखराम देवांगन समेत डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे को सस्पेंड किया गया था।
  • मामले में राजस्व विभाग के अधिकारी और भू-माफिया के सांठ-गांठ की बात उठ रही है।
  • भू-अर्जन, ट्रस्ट के बदले निजी व्यक्ति को जमीन देने का आरोप लगा है।
  • किसानों को सिर्फ 30 लाख तक का मुआवजा मिला है, बाकी के करोड़ों रुपए अफसरों और दलालों ने हड़प लिए हैं।
  • मामले में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने CBI या विधायकों की कमेटी से मामले की जांच कराने की मांग की है।
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