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Diwali 2022 : जानें दिवाली पर क्या है दीप जलाने का महत्त्व, वेदों में भी है दीयों का जिक्र

Diwali 2022 : रोशनी, उमंग का त्योहार दिपावली (Diwali 2022) इस बार दीपोत्सव यानी दिवाली 24 अक्टूबर 2022 को है। पांच दिन के इस पर्व में सुबह-शाम रंगोली बनाई जाती है, प्रदोष काल में दीपक जलाने का विधान है। दिवाली (Diwali 2022) पर खासकर मिट्‌टी के दीप प्रज्वलित करने का महत्व है।

जब भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त कर सीता संग अयोध्या लौटे थे तो पूरा शहर दीपों से जगमजगा उठा था। श्रीराम के स्वागत में चारों तरफ रोशनी ही रोशनी थी। प्राचीन काल से ही शुभ कार्य से पहले दीपक जलाने की परंपरा चली आ रही है। आइए जानते हैं दिवाली पर दीपक जलाने और रंगोली बनाने का महत्व।

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Diwali 2022 : दिवाली पर क्यों जलाते है दीप

दिवाली के दिन मिट्‌टी के दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। मिट्‌टी का दीपक पंचतत्वों से मिलकर बनाता है। जो घर और आसपास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। ऋग्वेद के अनुसार दीपक में देवताओं का तेज रहता है। इसकी रोशनी से यश और प्रसिद्धि प्राप्त होती है। सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

दिवाली मां लक्ष्मी की हर घर में पूजा होती है इसलिए इस दिन घर का कोई भी कोना अंधेरे में नहीं रखना चाहिए। क्योंकि धन की देवी वहीं विराजमान होती हैं जो घर प्रकाशवान हो। कई लोग दिवाली की पूरी रात एक दीपक प्रज्वलित कर रखते हैं। ताकि मां लक्ष्मी स्थिर हो जाएं। कहते हैं ऐसा करने पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

दीपावली पर रंगोली बनाने का महत्व

रंगोली बनाने की प्रथा सालों से चली आ रही है। शुभ कार्य में आटे, चावल के मांड और अब तो अनेक रंगो से रंगोली बनाई जाती है। ‘रंगोली’ का अर्थ है ‘रंग’ और ‘अवल्ली'(पंक्ति)। दिवाली मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के रंगों का इस्तेमाल कर रंगोली बनाई जाती है।

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कहते हैं रंगोली उत्साह का प्रतीक और सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती है। मां लक्ष्मी का वास वहीं होता है। जहां घर में सुख-शांति और उत्साव का प्रवाह हो। शास्त्रों के अनुसार रंगोली बनाने से घर में आकर्षण का केंद्र एक जगह पर बनता है। धनतेरस से लेकर दिवाली तक रोजाना स्नान के बाद सुबह घर के मुख्य द्वार पर मां लक्ष्मी के चरण चिन्हें बनाए। पद चिन्ह् घर में अंदर की ओर आते हुए होना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी घर में विराजमान होती हैं।

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