छत्तीसगढ़ में फिर महसूस हुए भूकंप के झटके, 3 हफ्ते में दूसरी बार हिली धरती

Earthquake in Bilaspur: छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रविवार दोपहर 2 बजकर 18 मिनट पर भूकंप आया है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.1 रही। इसकी जानकारी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की ओर से दी गई है। भूकंप से कहीं कोई नुकसान नहीं हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक दोपहर 12.55 से 1 बजे के बीच गौरेला-पेंड्रा मरवाही समेत मध्यप्रदेश के अमरकंटक और अनूपपुर जिले की सीमा से लगे गांवों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र बिलासपुर से करीब 50 किलोमीटर उत्तर में सिलपहरी, डांडजमड़ी के बीच था। यह भूकंप का नया केंद्र रिकॉर्ड किया गया है।

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भूकंप का केंद्र भूतल से करीब 5 किलोमीटर गहराई में दर्ज किया गया है। यहां से अमरकंटक हिल रेंज की सीमाएं शुरू होती हैं। छत्तीसगढ़ के कोरबा, सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर से होकर फॉल्ट लाइन गुजरती है, जिसमें पहले भूकंप के कई केंद्र रिकॉर्ड किए जा चुके हैं। 19 दिन पहले भी छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.3 नापी गई थी। दोपहर 2.50 बजे भूकंप आया था। इसका केंद्र 132 किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश के सिंगरौली में था। हालांकि 3.3 की तीव्रता अधिक नहीं मानी जाती है। जुलाई 2022 से सरगुजा संभाग में 6 बार भूकंप आया था। (Earthquake in Bilaspur)

इस वजह से महसूस होते हैं भूकंप के झटके

बता दें कि छत्तीसगढ़ में भूकंपीय गतिविधि की जो दर है, वह बहुत कम है। वजह ये है कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्से में भूगर्भ में बेहद सख्त आग्नेय चट्टानें हैं। सिर्फ उत्तर छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से भूगर्भीय संरचना के कारण संवेदनशील हैं। यहां 2-3 तीव्रता वाले भूकंप आते रहे हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है। भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। (Earthquake in Bilaspur)

हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड

 सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है। वहीं कई बार सिर्फ झटके ही महसूस होते हैं। नुकसान कुछ नहीं होता। बता दें कि हर साल पूरी दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं, जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। ये भूकंप 10 मिनट तक रहा था। कई भूकंप सामान्य होते हैं। जबकि कई भूकंप इतने खतरनाक होते हैं कि कई लोगों की मौत हो जाती है। (Earthquake in Bilaspur)

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