19 जून से सस्ता सोना खरीदने का सुनहरा मौका, RBI ने तय किए सोने के दाम

Sovereign Gold Bond: अगर आप सस्ता सोना खरीदना चाहते हैं तो अभी आपके लिए अच्छा मौका है। दरअसल, RBI ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की 8वीं सीरीज के लिए सोने का दाम तय कर दिया है। इस बार के लिए सोने की कीमत 5 हजार 926 रुपए प्रति 1 ग्राम तय की है। इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से निवेश किया जा सकता है, जो इनके लिए ऑनलाइन आवेदन और डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान करेंगे, उन्हें प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। यानी उन्हें 1 ग्राम के लिए 5 हजार 876 रुपए चुकाने होंगे। ये स्कीम 19 से 23 जून 2023 तक खुलेगी।

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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में आप 24 कैरेट यानी 99.9% शुद्ध सोने में निवेश करते हैं। ऑनलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से इसमें निवेश किया जा सकता है। SGBs में निवेश पर 2.50% का सालाना ब्याज मिलता है। पैसों की जरूरत पड़ने पर बॉन्ड के बदले लोन भी लिया जा सकता है। भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड यानी IBJA के पब्लिश्ड रेट के आधार पर बॉन्ड की कीमत तय होती है। इसमें सब्सक्रिप्शन पीरियड से पहले वाले हफ्ते के आखिरी तीन दिनों के रेट का एवरेज निकाला जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक भारत सरकार की ओर से बॉन्ड जारी करता है। (Sovereign Gold Bond)

बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बॉन्ड होता है। इसे डीमैट के रूप में परिवर्तित कराया जा सकता है। अगर बॉन्ड पांच ग्राम सोने का है तो पांच ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बॉन्ड की कीमत होगी। इसे RBI की तरफ से जारी किया जाता है। SGBs में शुद्धता की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के मुताबिक गोल्ड बॉन्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन यानी IBJA द्वारा प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है। इसके साथ ही इसे डीमैट के रूप में रखा जा सकता है, जो काफी सुरक्षित है और उस पर कोई खर्च भी नहीं होता है। (Sovereign Gold Bond)

आपको बता दें कि SGBs के जरिए कोई शख्स एक वित्त वर्ष में कम से कम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम सोने में निवेश कर सकता है। जॉइंट होल्डिंग के मामले में 4 किलोग्राम की निवेश सीमा पहले आवेदक पर ही लागू होगी। वहीं किसी ट्रस्ट के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है। SGB ​​के अलग-अलग टैक्सेशन नियम हैं। एसजीबी से होने वाला कैपिटल गेन मैच्योरिटी के समय टैक्स फ्री होता है। हालांकि निवेशक पांच साल के बाद समय से पहले एसजीबी को रिडीम कर सकते हैं। अगर आप एसजीबी को पांच से आठ साल के बीच भुनाते हैं, तो लाभ को लांग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ इस पर 20.8 फीसदी टैक्स लगाया जाता है। 

जानकारी के मुताबिक निवेशक स्टॉक एक्सचेंज पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद और बेच सकते हैं। RBI ने इसमें निवेश के लिए कई तरह के विकल्प दिए हैं। बैंक की शाखाओं, पोस्ट ऑफिस, स्टॉक एक्सचेंज और स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के जरिए इसमें निवेश किया जा सकता है। निवेशक को एक आवेदन फॉर्म भरना होगा। इसके बाद आपके अकाउंट से पैसे कट जाएंगे और आपके डीमैट खाते में ये बॉन्ड ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। निवेश करने के लिए पैन होना अनिवार्य है। (Sovereign Gold Bond)

अगर एसजीबी को तीन साल से पहले बेचा जाता है तो पूंजीगत लाभ निवेशक की आय में जोड़ा जाता है और लागू आयकर स्लैब के आधार पर कर लगाया जाता है। इसके अलावा तीन साल के बाद स्टॉक एक्सचेंज पर एसजीबी बेचने पर निवेशकों द्वारा अर्जित पूंजीगत लाभ लंबी अवधि के होते हैं और इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20 फीसदी पर कर लगाया जाता है। सोने की भौतिक मांग को कम करने के इरादे से सबसे पहले गोल्ड बांड योजना नवंबर 2015 में लाई गई थी। तब इसका प्रति ग्राम भाव 2,684 रुपए था। इस पर 50 रुपए का डिस्काउंट था। यानी भाव 2,634 रुपए हो गया था। इस तरह से पिछले 7 सालों में स्कीम से करीब 120% का रिटर्न मिला है। (Sovereign Gold Bond)

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