आरक्षण संशोधन को लेकर राजभवन का स्पष्टीकरण, कही ये बात

Governor on Reservation: छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर राज्यपाल अनुसुइया उईके के ‘मार्च तक इंतजार करिए’ वाले बयान पर राजभवन की ओर से स्पष्टीकरण आया है। राजभवन से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक राज्यपाल ने ये बयान सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की वजह से कहा। दरअसल, 22 और 23 मार्च को आरक्षण पर अंतिम सुनवाई होगी। विज्ञप्ति में ये भी कहा गया है कि संवैधानिक प्रमुख के लिए अमर्यादित भाषा बोलना उपयुक्त नहीं है।

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बता दें कि छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है, जो अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। इसके साथ ही राजनीति भी तेज हो गई है। बता दें कि बिलासपुर हाईकोर्ट में राज्यपाल अनुसुइया उइके के खिलाफ याचिका दायर की गई है। राजभवन में आरक्षण विधेयक लंबित है। सरकार के प्रतिनिधि राज्यपाल के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। CM भूपेश बघेल ने राज्यपाल पर BJP के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। CM ने कहा कि BJP के इशारे पर आरक्षण विधेयक रोका जा रहा है। साथ ही उनके मंत्री भी पीछे नहीं है। (Governor on Reservation)

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ऐसे में बयानबाजी अपनी जगह है, लेकिन सच यही है कि अब मामला हाईकोर्ट के पास है। अधिवक्ता हिमांग सलूजा ने हाईकोर्ट में आरक्षण बिल रोके जाने को लेकर याचिका लगाई है। उन्होंने बिल रोकने को संविधान का उल्लंघन बताया है। देखना होगा कि आरक्षण पर अब क्या फैसला आता है। इधर, मध्यप्रदेश में 27 फीसदी OBC आरक्षण के मुद्दे पर एक बार फिर हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है। राज्य सरकार सोमवार को भी जबलपुर हाईकोर्ट में ये जवाब पेश नहीं कर पाई कि OBC आरक्षण से जुड़ी कितनी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। (Governor on Reservation)

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