CMIE Report: देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्य का दर्जा बरकरार, छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर सिर्फ 0.7 प्रतिशत

CMIE Report: देश के सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ एक बार फिर अव्वल रहा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार मई माह में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर मात्र 0.7 प्रतिशत रही। जबकि इसी अवधि में देश में बेरोजगारी दर 7.1 प्रतिशत थी। इससे पहले मार्च, अप्रैल 2022 में भी छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर देश में सबसे कम 0.6 प्रतिशत थी।

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सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के नए आंकड़ों के मुताबिक देश के कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में मध्यप्रदेश 1.6 प्रतिशत, गुजरात 2.1 प्रतिशत, ओडिशा 2.6 प्रतिशत, उत्तराखंड 2.9 प्रतिशत, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश 3.1 प्रतिशत, महाराष्ट्र और मेघालय 4.1 प्रतिशत, कर्नाटक 4.3 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश 4.4 प्रतिशत, पाडुचेरी 5.6 प्रतिशत (CMIE Report), केरल 5.8 प्रतिशत शामिल है। देश में सबसे अधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 24.6 प्रतिशत, राजस्थान में 22.2 प्रतिशत, जम्मू और कश्मीर में 18.3 प्रतिशत, त्रिपुरा में 17.4 प्रतिशत, दिल्ली में 13.6 प्रतिशत, गोवा में 13.4 प्रतिशत और बिहार में 13.3 प्रतिशत दर्ज की गई।

हिमाचल प्रदेश में 9.6 प्रतिशत

वहीं झारखंड में 13.1 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 9.6 प्रतिशत, तेलंगाना में 9.4 प्रतिशत, पंजाब में 9.2 प्रतिशत, असम में 8.2 प्रतिशत और सिक्किम में 7.5 प्रतिशत दर्ज की गई। इसे लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CMIE Report) ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि छत्तीसगढ़ अब देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य बन गया है। इसे लेकर मुख्यमंत्री ने बधाई भी दी है।

सरकार ने योजनाओं की सफलता बताई

अधिकारियों का कहना है कि बेरोजगारी दर कम होने का मतलब है कि सरकार की योजनाएं अपना असर दिखा रही हैं। छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने वाली और रोजगार के नये अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं पर सरकार का सर्वाधिक जोर रहा। सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों की (CMIE Report) कर्जमाफी, जल कर की माफी से बड़ी संख्या में लोग खेती के काम में लगे। उसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना, नयी औद्योगिक नीति का निर्माण, वन तथा कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था आदि से आय के साधन बढ़े।

65 तरह के लघु वनोपजों की खरीदी

अधिकारियों का कहना है साढ़े तीन साल पहले छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संतुलित करने वाली और रोजगार के नये अवसरों का सृजन करने वाली योजनाओं पर शासन का सर्वाधिक (CMIE Report) जोर रहा। सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों को से मुक्ति तथा लंबित सिंचाई कर की माफी से इसकी शुरुआत की गई। 65 तरह के लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीद, तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर में वृद्धि, मछली पालन तथा लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा, परंपरागत शिल्पियों, बुनकरों तथा उद्यमियों को प्रोत्साहन, हर जिले में सी-मार्ट की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए। इसी का नतीजा दिख रहा है।

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