Karnataka Hijab Row : हिजाब विवाद में नहीं आया फैसला, बड़े बेंच के पास गया मामला

Karnataka Hijab Row : जस्टिस हेमंत गुप्ता ने अपना फैसला सुना दिया है। उन्होंने हिजाब बैन (Karnataka Hijab Row) के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है। यानी हिजाब पर प्रतिबंध को सही माना है। हालांकि, दोनों जजों की राय अलग अलग है।

तीन जजों की बेंच करेगी फैसला

सुप्रीम कोर्ट के दोनों ही जजों की राय इस मामले पर अलग-अलग थी। जिसके बाद मामले को बड़ी बेंच को सौंप दिया गया है। अब हिजाब मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच करेगी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस गुप्ता ने बताया कि हमारे अलग विचारों के चलते मामला चीफ जस्टिस के पास भेज रहे हैं। ताकि वह बड़ी बेंच का गठन करें। वहीं उन्होंने इस याचिका के खिलाफ अपना फैसला दिया। वहीं जस्टिस धूलिया की राय अलग थी।

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर 10 दिन सुनवाई की। जिसके बाद 22 सितंबर 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया। तभी से हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा था।

Karnataka Hijab Row कैसे शुरू हुआ था मामला

ये मामला अक्टूबर 2021 से शुरू हुआ। जब एक पीयू कॉलेज की कुछ छात्राओं ने हिजाब पहनने की मांग शुरू की। इसके बाद मामला दब गया। लेकिन 31 दिसंबर 2021 को उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनकर आई 6 छात्राओं को क्लास में आने से रोक दिया गया। जिसके बाद कॉलेज के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया और मामला सुर्खियों में आया। इसी दिन मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर 2022 को हिजाब मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 10 दिन इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चली। जिसके बाद आज गुरुवार 13 अक्टूबर को ये नतीजा आया।

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क्या था हाईकोर्ट फैसला

हिजाब मामले को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने 11 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया था। इस फैसले में साफ किया गया कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य नहीं है। ये इस्लामिक परंपरा का हिस्सा नहीं है।

हाईकोर्ट ने कहा था कि शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य करना ठीक है। छात्र इससे इनकार नहीं कर सकते हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था। इतना ही नहीं कोर्ट ने सरकार को आदेश जारी करने का अधिकार भी दिया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकार के पास शासनादेश जारी करने का अधिकार है।

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