Kharge on Ambedkar Controversy: राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली स्थित AICC मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमित शाह ने संसद में जो कहा, वह बेहद निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने दलितों और देश के नायक, जो सबके लिए पूजनीय हैं, उनका अपमान किया है। अमित शाह ने कहा कि आप लोग जितनी बार अंबेडकर का नाम लेते हैं, इतनी बार अगर भगवान का नाम लेते तो आपको सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। BJP-RSS के लोग संविधान को नहीं मानते हैं। ये लोग मनुस्मृति को मानने वाले लोग हैं, क्योंकि उसी में स्वर्ग-नरक और जातियों के बारे में कहा और लिखा गया है।
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खड़गे ने कहा कि मुझे ताज्जुब है कि जब कोई व्यक्ति बाबासाहेब के बारे में टीवी पर ऐसी अपमानजनक बातें बोल रहा है तो उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुलाकार टोका तक नहीं। इसके विपरीत गृह मंत्री को समर्थन देने के लिए उन्होंने 6 ट्वीट कर दिए। जबकि अंबेडकर जी के लिए ऐसी अपमानजनक बात करने वाले व्यक्ति को कैबिनेट से निकाल देना चाहिए था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों गहरे दोस्त हैं, इसलिए दोनों एक दूसरे के पाप को छिपाते हैं। BJP-RSS और उनके राजनीतिक पूर्वजों ने कभी संविधान को सम्मान नहीं दिया। इनके राजनीतिक पूर्वजों ने कभी संविधान को स्वीकार नहीं किया, उसकी प्रतियां जलाईं। इन लोगों ने तिरंगे को भी नहीं अपनाया। (Kharge on Ambedkar Controversy)
खड़गे ने मांगा इस्तीफा
खड़गे ने कहा कि उनका कहना था कि संविधान में मनुस्मृति की बातें नहीं हैं, इसलिए इसे नहीं मानेंगे। इसके विरोध में उन लोगों ने नेहरू और अंबेडकर जी का पुतला भी जलाया। अगर BJP और उनके नेताओं के मन में अंबेडकर जी के लिए श्रद्धा होती तो वे कभी ऐसी बातें नहीं बोलते। इसलिए हम चाहते हैं कि अमित शाह अपने पद से इस्तीफा दें।अगर PM मोदी के मन में बाबासाहेब के प्रति थोड़ी सी भी श्रद्धा है तो अमित शाह को उनके पद से बर्खास्त करें। हमारी मांग है कि अगर कोई व्यक्ति संविधान की शपथ लेकर मंत्री बनता है और फिर संविधान का अपमान करता है, तो उसे कैबिनेट में रहने का कोई अधिकार नहीं है। अमित शाह को फौरन कैबिनेट से बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इस्तीफा नहीं होगा तो पूरे देश में विरोध प्रदर्शन होंगे। बाबासाहेब अंबेडकर जी सबके हैं, क्योंकि वे दलित, शोषित और वंचित लोगों समेत समाज के हर व्यक्ति की बात करते थे। वे सभी के प्रति सहानुभूति रखते थे। (Kharge on Ambedkar Controversy)