बिलासपुर: विधायक और उनके समर्थकों पर आईपीएस द्वारा लाठी चार्ज कर बुरी तरह से पीटना घटना के कई साल बाद महंगा पड़ गया है। मामले में सुप्रीम कोर्ट आईपीएस सहित तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इसके साथ CID से जांच कराने की बातभी कही है। हालांकि लाठीचार्ज करने पर किसी आईपीएस के खिलाफ FIR दर्ज करने, कोर्ट का निर्देश बहुत कम देखने को मिला है।
साथ ही मामले की जांच CID से कराने को कहा है। SC ने बिलासपुर हाईकोर्ट के फैसले को सही बताया है। यह पहला मामला होगा, जब कोर्ट के आदेश पर IPS अफसर सहित पुलिसकर्मियों पर FIR होगी। मामले की सुनवाई जस्टिस एमआर शाह और एएस गोपन्ना की बेंच में हुई।
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क्या है मामला?
मामला जून 2018 का है जब बैडमिंटन की एक खिलाड़ी ने महासमुंद के मिनी स्टेडियम में प्रैक्टिस के दौरान छेड़छाड़ की शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने की बजाय उन्हें कोतवाली से भगा दिया गया था। जिसके बाद पूर्व विधायक विमल चोपड़ा ने समर्थकों के साथ थाने का घेराव किया था। बताया गया है कि उस समय तत्कालीन IPS उदय किरण के निर्देश पर पुलिस ने विधायक और उनके समर्थकों की लाठी से खूब पिटाई की थी । यह वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हुई थी और मामला विधानसभा में भी उठा था।
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पिटाई के बाद विधायक गंभीर रूप से घायल भी हो गए थे। इसके बाद कोतवाली में पदस्थ सब इंस्पेक्टर समीर डुंगडुंग की शिकायत पर उल्टा तत्कालीन विधायक और उनके समर्थकों पर ही FIR दर्ज हो गई थी। लेकिन विधयक और उनके समर्थकों की शिकायत भी नहीं ली गई। मामला हाइकोर्ट पहुंचा जहां से हाइकोर्ट ने भी FIR का आदेश दिया था लेकिन अधिकारियों ने इस पर स्टे ले लिया था।
विधायक ने फैसले पर जताई खुशी
तत्कालीन विधायक विमल चोपड़ा सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश हैं और अन्य पुलिसकर्मियों पर भी FIR किये जाने की अपील करेंगे। इस आशय की एक प्रेस कांफ्रेंस भी विमल चोपड़ा ने शुक्रवार को की। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के IPS उदय किरण, SI समीर डुंगडुंग और कांस्टेबल छत्रपाल सिन्हा के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने मामले में लगा स्टे हटा दिया है।