Lord Ganesha Ji: भगवान गणेश जी की उपासना से कुंडली में बुध दोष होते हैं दूर, शुभ कार्य से पहले होती है पूजा

Lord Ganesha Ji: हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी देवताओं की पूजा-अर्चना होती है। हफ्ते के सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं के व्रत और पूजा का विधान है। इसके साथ ही हर ग्रह का भी अलग दिन होता है। हर देवी-देवता के पूजा का विधान अलग होता है। बुधवार का दिन प्रथम पूज्य भगवान गणेश और बुध ग्रह का है। इस दिन हरे रंग का कपड़ा पहनना शुभ होता है। मूंग दाल, घी और दही का दान करने से समाज में मान बढ़ता है और बुद्धि तेज होती है।

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कहा जात है कि अगर किसी की कुंडली में बुध दोष है तो उसे बुधवार के दिन गणेश जी की उपासना करनी चाहिए। इसे कुंडली में दिख रहे बुध के दोषों का प्रभाव कम हो जाता है। इतना ही नहीं बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। अगर आप गणेश भगवान को प्रसन्न करना चाहते हैं तो बुधवार के दिन विधि-विधान के साथ गणपति की पूजा करनी चाहिए। साथ ही व्रत आदि रखने से बप्पा को जल्दी प्रसन्न किया जा सकता है। (Lord Ganesha Ji)

नियमित रूप से गणेश जी की पूजा

ज्योतिषी के मुताबिक अगर नियमित रूप से गणेश जी की पूजा की जाए, तो उसके कई शुभ लाभ होते हैं। मान्यता है कि गजानन की पूजा करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। नियमित रूप से गणेश पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सफलता मिलती है। भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी दिक्कतें और विपत्तियां दूर हो जाती हैं, इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है। गणेश जी की पूजा करने से भक्तों को कई लाभ मिलते हैं।

जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति

कहा जाता है कि हर व्यक्ति जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की इच्छा रखता है। ग्रंथों में इसके लिए भगवान गणेश की पूजा करने का उपाय बताया गया है। कहते हैं कि जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए गणेश जी की पूजा करें। धार्मिक मान्यता है कि जो भक्त गणेश जी की पूजा-अर्चना सच्चे दिल से करते हैं। बप्पा उन्हें कभी भी खाली हाथ नहीं जाने देते। भगवान की पूजा करने से भाग्योदय होता है और आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है। इसलिए नियमित रूप गणेश पूजा करनी चाहिए। (Lord Ganesha Ji)

सहनशीलता का विकास

धर्म शास्त्रों में इस बात का विवरण मिलता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से बुद्धि में बढ़ोतरी होती है। जिस व्यक्ति को जीवन में सफलता और तरक्की चाहिए या जो व्यक्ति बुद्धिमान बनना चाहता है उसे नियमित रूप से भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। कहते हैं भगवान गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति में सहनशीलता का विकास होता है।

आत्मा की शुद्धि

भगवान गणेश जी के बड़े-बड़े कान इसी बात का प्रतीक है कि भगवान गणेश भक्त की बातों को ध्यानपूर्वक सूनते हैं। इसलिए कहते हैं कि भगवान गणेश की पूजा से इंसान अपने अंदर छिपी शक्ति पर ध्यान देने लगता ह और उसमें सहनशीलता का विकास होता है। अगर भगवान गणेश की श्रद्धापूर्वक पूजा की जाए, तो उसकी आत्मा शुद्ध हो जाती है। पूजा करने से सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। (Lord Ganesha Ji)

भगवान गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

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