Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियायत में बवाल, शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे ने कई विधायकों के साथ की बगावत

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासी हलचल तेज हो गई है। दरअसल, महाराष्ट्र के 30 विधायकों के साथ गुजरात में मौजूद एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के सामने BJP से गठबंधन की शर्त रख दी है। उद्धव ने शिंदे से बातचीत के लिए मिलिंद नार्वेकर को भेजा था। नार्वेकर और शिंदे के बीच करीब एक घंटे मुलाकात चली। नार्वेकर ने फोन पर उद्धव से शिंदे की बातचीत कराई। सूत्रों के मुताबिक करीब 20 मिनट तक चली इस बातचीत में उद्धव ने मुंबई आकर बातचीत का प्रस्ताव रखा, लेकिन शिंदे BJP से गठबंधन पर अड़े रहे। ये भी कहा कि पहले उद्धव अपना रुख स्पष्ट करें और अगर गठबंधन पर राजी हैं तो पार्टी टूटेगी नहीं।

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शिंदे ने सूरत के होटल में विधायकों के साथ शिफ्ट होने के बाद पहला बयान मंगलवार दोपहर में दिया। उन्होंने खुद को सच्चा शिवसैनिक बताते हुए कहा कि बाला साहेब ठाकरे के शिव सैनिक हैं। उन्होंने ही हिंदुत्व सिखाया है और हम सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं देंगे। अब सूरत में शिंदे के साथ 15 शिवसेना, एक NCP और 14 निर्दलीय विधायक हैं। पूरी टोली में 30 MLA और 3 मंत्री हैं। इस खेमेबंदी के बाद 2 संभावनाएं भी जाहिर की जा रही हैं। पहली- विधायकों को एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया जा सकता है और BJP अध्यक्ष JP नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के पास ले जाया जा सकता है यानी सत्ता के समीकरण में BJP की एंट्री हो सकती है। (Maharashtra Politics)

दूसरी- विधायकों को अहमदाबाद के किसी रिसॉर्ट में ले जाया जा सकता है और उद्धव से बातचीत के रास्ते खुले रखे जा सकते हैं। बगावती कदम के बाद शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है। पार्टी के इस एक्शन के बाद शिंदे ने बयान दिया, जो उनके बागी तेवरों के एकदम उलट था। उन्होंने ट्वीट किया कि- हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं। बालेसाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे। सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस आज रात शिंदे से मिलने सूरत जा सकते हैं। मिलिंद नार्वेकर की सूरत के होटल में विजिट के दौरान सभी विधायकों के फोन जमा कर लिए गए। (Maharashtra Politics)

शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटाया और अजय चौधरी को कमान सौंपी। भाजपा ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने सरकार को लेकर कोई प्रपोजल नहीं भेजा है और न ही हमने ऐसा कोई प्रस्ताव उन्हें भेजा है। उद्धव और डिप्टी CM अजित पवार के बीच लंबी मीटिंग हुई। वहीं इन सभी हलचलों के बीच शरद पवार मीडिया के सामने आए। करीब 11 मिनट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उनसे सवाल हुआ कि शिंदे क्या खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं तो बोले कि उन्होंने ऐसी इच्छा हमसे जाहिर नहीं की। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गिराने की साजिश पहले भी हुई है पर चिंता की बात नहीं। उद्धव सरकार चलती रहेगी। उन्होंने ये भी कहा कि ये सरकार का मसला नहीं है, ये शिवसेना का अंदरूनी मामला है। (Maharashtra Politics) 

ऑपरेशन लोटस सफल नहीं होगा: संजय राउत

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सूरत में 30 विधायक नहीं हैं। शिंदे के साथ कुल 16 या 17 विधायक ही हैं। देर रात एक विधायक होटल से निकलना चाहते थे। कुछ और विधायक भी लौटना चाहते हैं, लेकिन गुजरात पुलिस ने विधायकों को बंधक बना रखा है। भाजपा के लोग ऑपरेशन लोटस चला रहे हैं, लेकिन ये सफल नहीं होगा। वहीं एकनाथ शिंदे के खिलाफ सूरत के होटल में बंद विधायक की पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि मेरे पति लापता है। सूरत के जिस होटल में विधायक रुके हुए हैं उसके बाहर गुजरात पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। सभी विधायक सूरत के ली मेरिडियन होटल में रुके हैं।

जानकारी के मुताबिक विधायकों को सूरत लाने में भाजपा के दो बड़े दिग्गज नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। सभी विधायक सोमवार शाम से ही संपर्क से बाहर हैं। महाराष्ट्र में सोमवार को हुए विधान परिषद चुनाव में महाविकास अघाडी का बहुमत 151 तक गिर गया है। राज्यसभा चुनाव के दौरान महाविकास आघाडी के पास 162 विधायक थे। जबकि उससे पहले ये संख्या 170 थी। यानी राज्यसभा चुनाव के बाद महाविकास अघाडी के 11 विधायक कम हुए हैं। परिषद चुनाव से पहले और बाद में तुलना करके देखा जाए तो कुल 19 विधायक महाविकास आघाडी से दूर हुए। दूसरी तरफ अब भाजपा को 134 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सरकार टिकने के लिए 144 का बहुमत जरूरी है। ऐसे में महाविकास अघाडी और भाजपा की संख्या में अंतर बहुत कम रह गया है।

इसके बाद भी शिवसेना में बगावत होती है तो दल-बदल कानून सबसे बड़ा चैलेंज होगा। बगावत के लिए एकनाथ शिंदे को इन विधायकों की सदस्यता भी कायम रखनी होगी। महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के पास कुल 56 विधायक है। कानून के हिसाब से शिंदे को 2/3 विधायक यानी 37 विधायक जुटाने होंगे। फिलहाल शिंदे के पास कुल 30 विधायक होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें शिवसेना के 15 विधायक है। राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र में कोई भूकंप नहीं आएगा। कुछ विधायकों को गुमराह किया गया है, जिससे संपर्क नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि सूरत में जो विधायक हैं, उन्हें आने नहीं दिया जा रहा है। राउत ने कहा कि सबकी घेराबंदी कर दी गई है। सभी विधायक आना चाहते हैं और वे हर संघर्ष में शिवसेना के साथ रहे हैं।

महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंच गए हैं। वहीं भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा- बगावत के पीछे सबसे बड़ी वजह संजय राउत हैं। उनके बयान से पार्टी के कई नेता असहज हैं। हम सरकार बनाने के बारे में अभी नहीं सोच रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने ट्वीट कर लिखा- एकनाथ शिंदे ने सही समय पर सही फैसला लिया है। एकनाथ शिंदे की गिनती शिवसेना के दिग्गज नेताओं में होती है। जब 2019 में चुनाव का रिजल्ट आया था, तो शिवसेना ने शिंदे को विधायक दल का नेता बनाया था। शिंदे ठाणे इलाके के बड़े नेता माने जाते हैं और बाला साहब ठाकरे के समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं।

पिछले महीने महाराष्ट्र में राज्यसभा और सोमवार को विधान परिषद के चुनाव में शिवसेना में शिंदे की बात नहीं सुनी गई, जिसके बाद से ही वे नाराज चल रहे थे। राज्य में 10 विधान परिषद सीटों के लिए सोमवार को रिजल्ट जारी हुआ था, जिसमें 5 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। वहीं 2-2 सीट पर शिवसेना-एनसीपी और एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। चुनाव में महाविकास अघाड़ी के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके बाद से ही सियासी सुगबुगाहट शुरू हो गई थी।

नवंबर 2019 में CM बने थे उद्धव

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद काफी सियासी ड्रामा हुआ था। इसके बाद नवंबर 2019 में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने थे। उन्हें एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन मिला था। 2003 में उद्धव ठाकरे पहली बार शिवसेना में कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। बाला ठाकरे के निधन के बाद उन्होंने 2013 में शिवसेना की कमान संभाली थी। इधर, शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में तीसरी बार सरकार गिराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह शिवसेना का आंतरिक मामला है और उद्धव ठाकरे स्थिति को संभाल लेंगे। (Maharashtra Politics)

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