दवाइयों के दामों में बढ़ोतरी, सत्ता पक्ष और विपक्ष में ट्विटर वॉर

Mandaviya On Medicines: भारत में 1 अप्रैल 2023 से जरूरी दवाओं समेत 384 दवाइयों की कीमतों में बढ़ोतरी की गई है। अब देश के सभी राज्यों में पेनकिलर, एंटीबायोटिक, एंटी-इन्फेक्टिव और कार्डियक की दवाएं पिछली कीमत से 12 प्रतिशत ज्यादा में बेची जाएगी। इसे लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही कहा- मोदी जी, आपने तो जनता की जेब काटने की ‘सुपारी’ ली है।

यह भी पढ़ें:- CBI के डायमंड जुबली कार्यक्रम में शामिल हुए PM मोदी, कहा- नहीं बचना चाहिए कोई भ्रष्टाचारी…

इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि दवाओं के महंगा होने को लेकर आपने (कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे) ट्वीट के माध्यम से जो जानकारी दी है, उस बारें में विनम्रतापूर्वक कुछ तथ्य बताना चाहूंगा। सालाना WPI के तहत जिस सीमा में दाम बढ़ाने की इजाजत है, उसके बावजूद भी फार्मा कम्पनियां पूरा दाम नहीं बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि UPA सरकार में बनाए गए DPCO, 2013 के प्रावधान अनुसार हर साल WPI के हिसाब से फार्मा कंपनी दवाई के दाम बढ़ाती है या घटाती है। (Mandaviya On Medicines)

मंत्री मांडविया ने कहा कि सरकार ने नवंबर 2022 में आवश्यक दवाई की सूची और दामों को revise किया। DPCO, 2013 के तहत इस तरह अधिसूचित दवाओं की मान्य ceiling price संशोधित करने का कार्य NPPA द्वारा आरंभ कर दिया गया है। अब तक 870 आवश्यक दवाओं में से 651 की नई ceiling price अधिसूचित की जा चुकी है, जिसके कारण दवाओं की मान्य ceiling price में औसत 16.62% की कमी हुई है। परिणामस्वरूप, उपभोक्ताओं को अंदाज़न सालाना 3500 करोड़ की बचत होगी। WPI से लिंक 651 आवश्यक दवाओं की मान्य ceiling price में 12.12% की मर्यादा में कंपनी 1 अप्रैल, 2023 से दवाई के दाम बढ़ा सकती है। (Mandaviya On Medicines)

उन्होंने जानकारी दी कि अगर कंपनी पूरा भी दाम बढ़ा ले तब भी, औसत 6.73% की कमी अनुमानित की गई है। और, ये भी बताना चाहूंगा कि PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलाया जा रहा जनऔषधि अभियान Supply side का बहुत बड़ा intervention है, जिसने मार्केट में एक उच्चतम प्रतिस्पर्धा तैयार की है, जिसके कारण सालाना WPI के तहत जिस सीमा में दाम बढ़ाने की इजाजत है। उसके बावजूद भी फार्मा कंपनियां पूरा दाम नहीं बढ़ाती है। नेशनल फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी NPPA ने भी इस विषय में जानकारी दी है। वह भी आपके ध्यान में रखना चाहूंगा। (Mandaviya On Medicines)

Related Articles

Back to top button