
Dr. R.K Talware Gariaband: डॉ. आर. के. तलवरे निस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं और गरीब बच्चों के लिए मशीहा के रूप में जाने जाते हैं। जहां कुछ लोग कहते हैं कि हमें अध्यक्ष नहीं बेटा चाहिए, और कुछ लोग नेता नहीं सेवक चाहते हैं, वहां कालेज में सिर्फ़ तलवरे सर ही चाहिए। सही मायने में गुरु की असली परिभाषा हैं डॉ. तलवरे, जो गरीब बच्चों के लिए मशीहा बनकर उभरे हैं।
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जिस प्रकार बजरंग बली को समंदर लाँघने से पहले याद दिलाया गया था कि आप पवन पुत्र हो और आप ही यह कर सकते हो, उसी प्रकार मैं आप सभी को यक़ीन दिलाता हूँ कि जिंदगी में कभी किसी समंदर को लांघना हो तो आप तलवरे सर से जरूर मिलिएगा, आपको आसानी होगी।
वैदिक साहित्य से लेकर वर्तमान हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी साहित्य में शिक्षक की महिमा का बखान अलग-अलग तरीकों से किया गया है। किसी ने अपने गुरु को ईश्वर से ऊपर माना है, किसी ने उस्ताद कहकर संबोधित किया है, और गरियाबंद वालों ने गुरु का अर्थ डॉ. तलवरे कहा है। बिना तानाशाही के महाविद्यालय को नियंत्रित करने की आपकी क्षमता की प्रशंसा की जाती है। आप धैर्य और परिश्रम की मिसाल हैं।
प्रत्येक छात्र आपकी पाठ की तैयारी में लगाए गए समय की सराहना करता है। छात्रों की शिक्षा के प्रति आपकी प्रतिबद्धता विस्मयकारी है। आपने ना जाने कितने बच्चों का भविष्य संवारा है, किसी को नेता बनाया है तो किसी को पत्रकार। किस्सों और कहानियों को बेहद खास तरीके से सुनाने की कला कोई आपसे सीखे। मुश्किल घड़ी में सही सलाह देना आपकी विशिष्टता है। (Dr. R.K Talware Gariaband)
शिक्षकों की इमेज को तोड़ते हुए आपने बच्चों के बीच मित्रता की मिसाल कायम की है। मंगलवार, 16 जुलाई को गुरुदेव, जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ। आपका आशीर्वाद बच्चों को ऐसे ही मिलता रहे। (Dr. R.K Talware Gariaband)
[आलेख: सोशल मीडिया से साभार]