National Technology Day : मुख्यमंत्री बघेल ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की दी बधाई

National Technology Day : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 11 मई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर वैज्ञानिकों सहित सभी नागरिकों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस वैज्ञानिकों के द्वारा देश के लिए किये गए अतुल्य योगदान की याद दिलाता है। हमारे वैज्ञानिकों के रचनात्मक कार्यों के परिणामस्वरूप कई सकारात्मक बदलाव और नवाचार हम देख रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि वैज्ञानिकों ने देश के विकास, सुरक्षा और नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कई उल्लेखनीय काम किए हैं। उन्होंने भारत को प्रौद्योगिकी विकास और दक्षता में ऊंचाईयों तक पहुंचाने के लिए वैज्ञानिकों के प्रति आभार जताया है। National Technology Day

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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के बारे में जाने

यह दिवस पहली बार 11 मई, 1999 को मनाया गया था, इसका उद्देश्य भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों का स्मरण करना है। इस दिन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रखा गया था।

प्रत्येक वर्ष भारतीय प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय) भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिये व्यक्तियों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करके इस दिन को मनाता है।
इस वर्ष का फोकस ‘सतत् भविष्य के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण’ (Integrated Approach in Science & Technology for Sustainable Future) है।

National Technology Day का महत्त्व

इस दिन भारत ने 11 मई, 1998 को पोखरण में परमाणु बमों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।
परमाणु मिसाइल का राजस्थान में भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में परीक्षण किये गए। मई 1974 में पोखरण- I के ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा के बाद आयोजित यह दूसरा परीक्षण था।
भारत ने पोखरण- II नामक एक ऑपरेशन में अपनी शक्ति-1 परमाणु मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसे ऑपरेशन शक्ति के रूप में जाना गया, जिसका नेतृत्व तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था।
उसी दिन भारत ने त्रिशूल मिसाइल (सतह से हवा में कम दूरी की मिसाइल) की सफल परीक्षण फायरिंग की और पहले स्वदेशी विमान ‘हंसा- 3 ’का परीक्षण किया।

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