छत्तीसगढ़ में लगातार हिंसा का रास्ता छोड़ रहे नक्सली, सुकमा में 33 नक्सलियों ने किया सरेंडर

Naxalite Surrender in Sukma: छत्तीसगढ़ में नक्सली लगातार हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इस बीच सुकमा में 33 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, जिनमें से 17 नक्सली ऐसे थे, जिन पर 49 लाख रुपए का इनाम घोषित था। पुलिस के मुताबिक 22 सरेंडर नक्सली माड़ डिवीजन और नुआपाड़ा डिवीजन में सक्रिय थे। वहीं 11 नक्सली फुलबगड़ी पुलिस स्टेशन क्षेत्र के बडेसट्टी पंचायत में सक्रिय थे। बता दें कि बड़ेसट्टी छत्तीसगढ़ का पहला नक्सली मुक्त गांव बन गया है, जहां शासन की योजना के तहत विकास कार्य के लिए 1 करोड़ मिलेगा।

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सरेंडर नक्सलियों में 11 महिलाएं भी शामिल है। वहीं 8-8 लाख रुपए के इनामी नक्सली दंपति मुचाकी जोगा और उसकी पत्नी मुचाकी जोगी ने भी हथियार छोड़ दिए हैं। इसके अलावा 5-5 लाख रुपए के इनामी किकिड़ देवे और मनोज उर्फ दूधी बुधरा, 2-2 लाख रुपए के इनामी माड़वी भीमा और माड़वी सोमड़ी, संगीता, माड़वी कोसी, वंजाम सन्नी, माड़वी मंगली, ताती बंडी, माड़वी लक्ष्मण, दूधी दुला, कलमू हिड़मा और रव्वा बीड़े ने भी सरेंडर किया है। सुकमा SP ने कहा कि सरेंडर करने वाले नक्सली खोखली और अमानवीय माओवादी विचारधारा समेत आदिवासियों पर अत्याचारों से निराश हैं। ये नक्सली छत्तीसगढ़ सरकार की ‘नियद नेल्लनार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से भी प्रभावित हुए हैं, जिसके तहत दूरदराज के गांवों में विकास कार्यों को सुविधाजनक बनाया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने नई छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत और पुनर्वास नीति-2025 के तहत ‘इलवद पंचायत योजना’ शुरू की है। (Naxalite Surrender in Sukma)

योजना के तहत जो पंचायत अपने गांव में नक्सलियों को आत्मसमर्पण करवाते हैं, उन गांव में एक करोड़ रुपए के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जाती है। इन गांवों को खुद से ही नक्सली मुक्त घोषित करने का प्रस्ताव पारित करना होता है। वहीं जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया है, उन्हें सरकार की ओर से 50 हजार रुपए की मदद दी गई है। साथ ही उनका पुनर्वास भी किया जाएगा। बता दें कि छत्तीसगढ़ में जब से बीजेपी की सरकार बनी है, तब से नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। लगातार नक्सलियों को भारी नुकसान हो रहा है। इस बीच नक्सली बड़ी संख्या में हिंसा का रास्ता छोड़ रहे हैं। साथ ही मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इसके लिए सरकार ने योजना भी बनाई है। साथ ही नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील भी कर रही है। (Naxalite Surrender in Sukma)

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