भ्रामक विज्ञापन मामले में बाबा रामदेव को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा अभी माफी नहीं, पढ़े पूरी खबर

Patanjali Ayurved Case : भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण ने मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक बार फिर माफी मांगी, लेकिन जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए. अमानतुल्लाह की बेंच ने कहा कि आपसे सार्वजनिक माफी की मांग की गई थी. कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अपनी गलती सुधारने के लिए कदम उठाएं.

यह भी पढ़े :- Shri Ramnavmi 17 April 2024: मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के अवतरण का पर्व है रामनवमी, जानें महत्व, पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त

मुकुल रोहतगी प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं की ओर से पेश हुए. उन्होंने कहा कि खुद को बचाने और अपनी नेकनीयती दिखाने के लिए प्रस्तावित अवमाननाकर्ता अपनी पहल पर कुछ और कदम उठाएंगे. इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया जाता है. अदालत ने उत्तरदाताओं 5-6 के अनुरोध पर प्रस्तावित अवमाननाकर्ताओं के साथ भी बातचीत की. 23 अप्रैल को मामला सूचीबद्ध किया जाए और सबसे पहले सुना जाएगा.

इससे पहले सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि जो भी हमसे भूल हुई, उसके लिए हम बिना शर्त माफी मांगते हैं. जस्टिस कोहली ने कहा कि जो आप प्रचार कर रहे हैं उसके बारे में क्या सोचा है. हमारे देश में तमाम पद्धतियां हैं. लेकिन दूसरी दवाईयां खराब हैं, ये क्यों? इसपर रामदेव ने कहा कि हम अदालत से क्षमा मांगते हैं. हमने पांच हजार रिसर्च किए और आयुर्वेद को एविडेंस बेस्ड तौर पर प्रस्तुत किया है.

जस्टिस कोहली ने कहा कि जब आपके वकील ने यहां साफ कह दिया कि आगे से ऐसा नहीं होगा. इसके बावजूद आपने दूसरी दवा के बारे में सार्वजनिक बयान दिया.रामदेव ने कहा कि हमें ऐसा नहीं कहना चाहिए था. हम आगे से ध्यान रखेंगे. ऐसा नहीं कहना चाहिए था।.

जस्टिस कोहली ने कहा कि लाइलाज बीमारी के इलाज का प्रचार नहीं कर सकते हैं. कोई भी पद्धति में नहीं किया जा सकता. यह ख्याल रखा जाना चाहिए था. गैर जिम्मेदाराना हरकत थी. इस देश के लोगों को और कोर्ट को आपसे इसकी अपेक्षा नहीं है. रामदेव ने कहा कि आप सही कह रही हैं. यह मेरे लिए भी अशोभनीय है. बालकृष्ण ने कहा कि अनुसंधान हम करते हैं. प्रचार अज्ञानता में हो गया जो कानूनन नहीं करना चाहिए था.

रामदेव ने कहा कि कोर्ट का अनादर करने की मेरी मंशा नहीं थी. हमने 5000 हजार रिसर्च किया. हमने किसी की क्रिस्टिसाइज नहीं की. आगे पुनरावृत्ति नहीं होगी. जस्टिस कोहली ने कहा कि हम माफी के बारे में सोचेंगे. अभी हमने माफी नहीं दी है. आप इतने भी नादान नहीं हैं कि आपको कुछ पता ना हो. (Patanjali Ayurved Case)

अदालत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. IMA की ओर से एलोपैथी और आधुनिक चिकित्सा के संबंध में झूठे और भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की मांग की गई थी. (Patanjali Ayurved Case)

Related Articles

Back to top button