विपक्षी दलों की बैठक में 15 पार्टियों के नेता हुए शामिल, शिमला में होगी अगली मीटिंग

Opposition Parties Meeting: बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी पार्टियों की बड़ी बैठक हुई, जिसमें 15 पार्टियों के नेता मौजूद रहे। विपक्षी एकता की दूसरी बैठक शिमला में होगी। ये बैठक 10 से 12 जुलाई के बीच हो सकती है। पार्टियों की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार ने कहा कि एक साथ चलने की बात हुई है। एक साथ चुनाव लड़ने की सहमति बन गई है। अगली मीटिंग सब पार्टियों की एक और जल्द की जाएगी। इस मीटिंग में अंतिम रूप दिया जाएगा कि कौन कहां से और कैसे लड़ेगा। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने कहा कि अध्यादेश पर कांग्रेस अपना रुख साफ करे नहीं तो उसके साथ किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे।

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान की नींव पर हमला हो रहा है। BJP-RSS आक्रमण कर रही है। मैंने मीटिंग में कहा कि हम सब एक साथ खड़े हैं। सभी पार्टी में थोड़े-थोड़े डिफ्रेंसेज है, लेकिन एक साथ काम करेंगे। जो बातचीत की है उसे अगली मीटिंग में और आगे बढ़ाएंगे। पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कहा कि नीतीश कुमार ने बहुत अच्छे तरीके से मीटिंग का आयोजन किया है। पटना से ही जनआंदोलन शुरू होता है। दिल्ली में कई बार मीटिंग हुई, लेकिन उसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला। इस मीटिंग में तीन चीजें क्लियर हुई। (Opposition Parties Meeting)

ममता ने कहा कि पहला हम एक है। दूसरी हम एक साथ लड़ेंगे। तीसरी जो भी पॉलिटिकल एजेंडा बीजेपी लाए, हम लोग साथ मिलकर उसका विरोध करेंगे। इस लड़ाई में अपना खून बहाना पड़ा तो बहाएंगे। ये इतिहास का बड़ा दिन है। बैठक में 15 पार्टियों के 27 नेता शामिल हुए। बैठक में JDU, RJD, AAP, DMK, TMC, CPI, CPM, CPI (ML), PDP, नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), सपा, JMM और NCP के नेता उपस्थित थे। (Opposition Parties Meeting)

इस बड़ी बैठक में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके के नेता एम के स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की नेता ममता बनर्जी, उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप नेता अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राघव चड्ढा, संजय सिंह, लेफ्ट से डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य, दीपांकर भट्टाचार्य, सीताराम येचुरी और पीडीपी की महबूबा मुफ्ती। कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी, NCP से शरद पवार, सुप्रीया सुले, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, सपा के अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी ) के उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राऊत, JMM के हेमंत सोरेन, बिहार से JDU से नीतीश कुमार, संजय झा, ललन सिंह और RJD के तेजस्वी यादव और लालू यादव शामिल हुए।

विपक्षी एकता की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। जैसे हर सीट पर भाजपा के खिलाफ विपक्ष का एक प्रत्याशी उतारना। भाजपा के खिलाफ बनने वाले गठबंधन का नाम। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम। सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला और दिल्ली अध्यादेश के बारे में भी चर्चा हुई। वहीं विपक्षी एकता की बैठक पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि बैठक में शिवसेना है। क्या वे सेक्युलर हो गए हैं। दिल्ली के CM हैं। उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर भाजपा का समर्थन किया था। नीतीश कुमार हैं, जो NDA के तरफ से मुख्यमंत्री रहे हैं। हम भी नहीं चाहते के 2024 में देश के प्रधानमंत्री मोदी बनें, लेकिन इन पार्टियों का ट्रैक रिकॉर्ड क्या है? कांग्रेस आगे रहना चाहती है। नीतीश प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं। (Opposition Parties Meeting)

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