आज होगी विपक्षी एकता की बड़ी बैठक, 18 दल के लोग होंगे शामिल

Opposition Unity Meeting: आज बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होने वाली है, जिसमें शामिल होने वाले विपक्षी पार्टियों के नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। वहीं गुरुवार को 4 राज्यों के CM और एक पूर्व मुख्यमंत्री बिहार पहुंच गए हैं। इनमें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल के अलावा जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं।

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बता दें कि BJP के खिलाफ विपक्षी एकता की बैठक मुख्यमंत्री आवास में होगी। इसमें शामिल होने के लिए गैर भाजपा दलों के नेता लगातार पटना पहुंच रहे हैं। इसमें नीतीश कुमार के साथ एमके स्टालिन, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल समेत 6 राज्यों के मुख्यमंत्री और 5 पूर्व मुख्यमंत्री शामिल होंगे। बैठक में न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय हो सकता है। बातचीत का मुख्य एजेंडा ये हो सकता है कि भाजपा और उसके सहयोगियों के खिलाफ संयुक्त विपक्ष का एक ही उम्मीदवार खड़ा किया जाए। भाजपा हराओं का प्रस्ताव पारित हो सकता है। (Opposition Unity Meeting)

बैठक में शामिल होने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, NCP के मुखिया शरद पवार, सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रधान फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी आज ही पहुंचेंगे। जदयू और राजद के नेता मेजबान की भूमिका में होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी आज पटना पहुंचेंगे। जानकारी के मुताबिक पटना पहुंचने के बाद दोनों सदाकत आश्रम जाएंगे, जहां वे भीमराव अंबेडकर की मूर्ति का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद विपक्षी दलों की मीटिंग में शामिल होंगे। (Opposition Unity Meeting)

वहीं विपक्षी एकता की बैठक से पहले अरविंद केजरीवाल ने अपनी शर्त रख दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सभी पार्टियों को चिट्‌ठी लिखकर कहा कि- मीटिंग में सबसे पहले केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा होनी चाहिए। केजरीवाल ने चिट्‌ठी में गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को डराया भी है। उन्होंने लिखा- दिल्ली का अध्यादेश एक प्रयोग है, यह सफल हुआ तो केंद्र सरकार गैर भाजपा राज्यों के लिए ऐसे ही अध्यादेश लाकर राज्य सरकारों का अधिकार छीन लेगी। AAP ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस को साथ देने के लिए कहा है। पार्टी ने कहा कि अगर कांग्रेस हमारा साथ नहीं देती है तो हम विपक्ष की मीटिंग में शामिल नहीं होंगे। (Opposition Unity Meeting)

बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। विपक्षी एकता को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि अब लोकसभा आम चुनाव के पूर्व विपक्षी पार्टियां, जिन मुद्दों को मिलकर उठा रही है। ऐसे में नीतीश कुमार द्वारा विपक्षी नेताओं की पटना बैठक ’दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए’ की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है। इधर, विपक्षी मीटिंग से 10 दिन पहले हम पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी महागठबंधन से अलग हो चुके हैं। 13 जून को उनके बेटे डॉ. संतोष सुमन ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। 21 जून को दिल्ली में जीतन राम मांझी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। फिर एनडीए में शामिल होने की घोषणा कर दी थी। (Opposition Unity Meeting)

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