पाकिस्तानी गोलीबारी से 16 भारतीयों की मौत, US ने अमेरिकी नागरिकों को पाकिस्तान छोड़ने को कहा 

Pakistan Fire on LoC: पाकिस्तान ने LoC के कई भारतीय इलाकों पर जमकर गोलीबारी की है, जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई है। कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई प्रेस वार्ता में भारत ने अपनी प्रतिक्रिया को संतुलित बताया था। भारत ने बताया था कि पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया है। साथ ही दोहराया गया कि भारत में किसी भी सैन्य लक्ष्य पर हमले का उचित जबाव दिया जाएगा। 7-8 मई की रात पाकिस्तान ने उत्तरी और पश्चिमी भारत में स्थित कई सैन्य ठिकानों जैसे अवंतीपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने का प्रयास किया। इन हमलों को वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा निष्क्रिय कर दिया गया। इन हमलों का मलबा कई स्थानों से बरामद हुआ, जो पाकिस्तानी हमलों का प्रमाण है। 

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कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि आज सुबह भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में कई स्थानों पर एयर डिफेंस रडार और सिस्टम को निशाना बनाया। भारत की प्रतिक्रिया भी पाकिस्तान की ही तरह उसी तीव्रता से रही है। विश्वसनीय जानकारी के अनुसार लाहौर में एक एयर डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया गया है। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने LoC के कुपवाड़ा, बारामुल्ला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में मोर्टार और भारी कैलिबर आर्टिलरी का उपयोग करते हुए नियंत्रण रेखा पर अपनी अकारण गोलीबारी की तीव्रता बढ़ा दी है। पाकिस्तानी गोलीबारी के कारण 16 निर्दोष लोगों की जान चली गई है, जिनमें 3 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल हैं। भारत को पाकिस्तान की ओर से मोर्टार और आर्टिलरी की गोलीबारी को रोकने के लिए जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ा। भारतीय सशस्त्र बल गैर-वृद्धि के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं, बशर्ते कि इसका पाकिस्तानी सेना द्वारा सम्मान किया जाए। (Pakistan Fire on LoC)

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO भवन में राष्ट्रीय गुणवत्ता सम्मेलन 2025 को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान और PoK में हमारे सुरक्षाबलों ने जो किया है, वह हमारे लिए गौरव का विषय है। क्वालिटी की भूमिका का नमूना हमने कल देखा, जिस सटीकता के साथ ऑपरेशन सिंदूर किया गया वह अकल्पनीय और सराहनीय है। इसमें काफी संख्या में आतंकी मारे गए। इधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची के साथ द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने कहा कहा कि आप ऐसे समय में भारत आ रहे हैं जब हम 22 अप्रैल को भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हुए एक बर्बर हमले का जवाब दे रहे हैं। इस हमले ने हमें 7 मई को सीमा पार आतंकवादी ढांचे पर हमला करके जवाब देने के लिए मजबूर किया। हमारी प्रतिक्रिया लक्षित और नपी-तुली थी। (Pakistan Fire on LoC)

उन्होंने कहा कि हमारा इरादा स्थिति को और खराब करने का नहीं है। हालांकि अगर हम पर सैन्य हमला होता है, तो इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि इसका बहुत ही सख्त जवाब दिया जाएगा। एक पड़ोसी और करीबी साझेदार के रूप में यह महत्वपूर्ण है कि आपको स्थिति की अच्छी समझ हो। बता दें कि पाकिस्तान के सीमा पार से की गई गोलाबारी के बाद पुंछ में एक मंदिर, एक गुरुद्वारा और एक मस्जिद को नुकसान पहुंचाया गया। जामिया जिया-उल-उलूम पुंछ के वाइस प्रिंसिपल ने कहा कि कल पूरे दिन पुंछ में गोलाबारी होती रही और पूरा पुंछ इससे प्रभावित रहा। जब भी ऐसी परिस्थितियां पैदा हुईं तो हमारा शहर हमेशा सुरक्षित रहा। लेकिन पहली बार हमने देखा कि बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई है। धार्मिक ढांचों को भी निशाना बनाया गया है। इस इमारत में भी हमारे उस्ताद की गोलाबारी में मौत हो गई। उनके छह बच्चे भी उस समय यहां मौजूद थे। (Pakistan Fire on LoC)

जम्मू-कश्मीर: जिला गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष नरिंदर सिंह ने कहा, कल पुंछ में बहुत भारी गोलाबारी हुई। हमारे गुरुद्वारे के रागी भाई अमरीक सिंह की गोलाबारी में मौत हो गई; जब यह घटना हुई तब वे अपने घर के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित अपनी दुकान में थे। एक गोला गुरुद्वारे पर भी गिरा, लेकिन यहां कोई मौजूद नहीं था। एक हिंदू बच्चा मारा गया है, चार सिख मारे गए हैं, और मुस्लिम समुदाय के कई लोगों ने भी गोलाबारी में अपनी जान गंवाई है। लोगों ने बड़ी संख्या में पलायन करना शुरू कर दिया है। लाहौर और उसके आस-पास ड्रोन विस्फोटों, गिराए गए ड्रोनों और संभावित हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की खबरों के कारण, लाहौर में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास ने सभी वाणिज्य दूतावास कर्मियों को सुरक्षित स्थानों पर रहने का निर्देश दिया है। वाणिज्य दूतावास को शुरुआती रिपोर्ट भी मिली है कि अधिकारी लाहौर के मुख्य हवाई अड्डे से सटे कुछ इलाकों को खाली करा सकते हैं। पाकिस्तान में अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास ने कहा कि सक्रिय संघर्ष वाले क्षेत्र से अमेरिकी नागरिकों को अगर सुरक्षित तरीके से निकल पाना संभव हो तो वहां से निकल जाना चाहिए। अगर वहां से निकलना सुरक्षित नहीं है तो उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ही रहना चाहिए। (Pakistan Fire on LoC)

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