PM मोदी ने किया विश्व बौद्ध शिखर सम्मेलन का उद्घाटन, 30 देशों के 180 डेलीगेट शामिल

PM in Buddhist Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आयोजित ‘विश्व बौद्ध शिखर सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस धरती की परंपरा है कि अतिथि देवो भव: अथार्त अतिथि हमारे लिए देवता के समान होते हैं, लोकिन भगवान बुद्ध के विचारों को जीने वाले इतने व्यक्तित्व जब हमारे सामने हो तो साक्षात बुद्ध की उपस्थिति का एहसास होता है। बुद्ध व्यक्ति से आगे बढ़ कर एक बोध हैं, बुद्ध स्वरूप से आगे बढ़कर एक सोच हैं, बुद्ध चित्रण से आगे बढ़कर एक चेतना हैं और बुद्ध की ये चेतना चिरंतर है निरंतर है। यह सोच शाश्वत है, ये बोध अविस्मरणीय है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृतकाल में भारत के पास अपने भविष्य के लिए विशाल लक्ष्य भी हैं और वैश्विक कल्याण के नए संकल्प भी हैं। भारत ने कई विषयों पर विश्व में नई पहल की हैं और इसमें हमारी बहुत बड़ी प्रेरणा भगवान बुद्ध हैं। दुनिया में अलग-अलग देशों में शांति मिशन हो या फिर तुर्की के भूकंप जैसी आपदा हो, भारत अपना पूरा सामर्थ्य लगाकर हर संकट के समय मानवता के साथ खड़ा होता है, ‘मम भाव’ से खड़ा होता है। हमें विश्व को सुखी बनाना है तो स्व से निकलकर संसार, संकुचित सोच को त्यागकर, समग्रता का ये बुद्ध मंत्र ही एकमात्र रास्ता है। आज ये समय की मांग है कि हर व्यक्ति की, हर राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के हित के साथ ही विश्व हित भी हो। (PM in Buddhist Summit)

वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें विश्व को सुखी बनाना है तो स्व से निकलकर संसार, संकुचित सोच को त्यागकर, समग्रता का ये बुद्ध मंत्र ही एकमात्र रास्ता है। हर व्यक्ति का हर काम किसी न किसी रूप में धरती को प्रभावित कर रहा है। हमारी लाइफस्टाइल चाहे जो हो, हर बात का प्रभाव पड़ता ही पड़ता है। हर व्यक्ति जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से लड़ भी सकता है। अगर लोग जागरूक होकर प्रयास करें तो इस बड़ी समस्या से निपटा जा सकता है। यही तो बुद्ध का मार्ग है। (PM in Buddhist Summit)

उन्होंने कहा कि बुद्ध का मार्ग भविष्य का मार्ग है, sustainability का मार्ग है। अगर विश्व, बुद्ध की सीखों पर चला होता तो क्लाइमेट चेंज जैसा संकट भी हमारे सामने नहीं आता। ये संकट इसलिए आया क्योंकि पिछली शताब्दी में कुछ देशों ने दूसरों के बारे में, आने वाली पीढ़ियों के बारे में नहीं सोचा।  सम्मेलन को लेकर केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि इस विश्व बौद्ध शिखर सम्मेलन में दुनिया के अलग-अलग 30 देशों से ज्यादा करीब 170 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं और इस दो दिवसीय विश्व बौद्ध शिखर सम्मेलन में शांति, पर्यावरण, नैतिकता, स्वास्थ्य,सतत विकास और बौद्ध संघ जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा होगी। (PM in Buddhist Summit)

उन्होंने कहा कि विश्व बौद्ध शिखर सम्मेलन सिर्फ भारत के लिए नहीं बल्कि विश्व कल्याण के लिए एक बहुत बड़ा अंतरराष्ट्रीय पहल है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में बौद्ध संस्कृति के प्रचार और संरक्षण के लिए कई कदम उठाए हैं। 2014 से भारत सरकार ने बौद्ध धर्म से संबंधित और भगवान बुद्ध से जुड़े सभी आयोजनों में प्रमुख भूमिका निभाई है। वहीं सम्मेलन के बाद PM नरेंद्र मोदी ने बुद्ध प्रदर्शनी का
दौरा किया। (PM in Buddhist Summit)

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