बर्फीले तूफान से अब तक 48 लोगों की मौत, इन जगहों पर सबसे ज्यादा असर

US Snow Storm: अमेरिका इस समय बर्फीले तूफान से बने जानलेवा हालात से जूझ रहा है। देश के 50 में से 48 राज्यों के 20 करोड़ से ज्यादा लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अब तक तूफान से जुड़ी घटनाओं में 48 लोगों की मौत हो चुकी है। इसका सबसे ज्यादा असर न्यूयॉर्क, नॉर्थ कैरोलिना, वर्जीनिया और टेनेसी में है। चार दिन से जारी भारी बर्फबारी से कई शहरों के हालात बदतर हो गए हैं। लोग घरों, कारों और रेस्टोरेंट में कई घंटों से फंसे हुए हैं। सड़क, रेल और हवाई यातायात पूरी तरह से ठप हो गए हैं।

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चार दिन में अमेरिका में 12 हजार फ्लाइट कैंसिल की जा चुकी हैं। इस तूफान का असर अमेरिका के अलावा कनाडा में भी है। जहां भारी बर्फबारी के कारण बस फिसलकर पलट गई। इस हादसे में अब तक 4 लोगों की जान जा चुकी है। तूफान से बिजली की लाइनों को नुकसान हुआ है और कई शहरों में बिजली गुल है। पूरे अमेरिका में हजारों कारोबारियों का कामकाज ठप हो गया है। कई शहरों में तापमान शून्य से -42 डिग्री तक पहुंच गया है। इधर, कनाडा में तूफान से चार लोगों की मौत हो चुकी है। मेक्सिको में भी तूफान का असर देखा जा रहा है। (US Snow Storm)

खराब मौसम की वजह से अमेरिका में 4 दिन में 12 हजार से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई हैं। कई एयरपोर्ट्स के रनवे तक बर्फ में दब चुके हैं। इस वजह से लोग अपने घर जाकर क्रिसमस नहीं मना सके। उन्हें एयरपोर्ट के फर्श पर सोकर रात बितानी पड़ी। कार से ट्रैवल कर रहे कई लोग बीच रास्ते में ही फंस गए। साइक्लोन ने 3 हजार 200 किलोमीटर के इलाके को अपनी चपेट में लिया है। अमेरिका के मोंटाना शहर में शनिवार को पारा -42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, न्यूयॉर्क स्टेट के शहर बफेलो में 8 फीट बर्फ की चादर बिछ गई। अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर लोग सर्दी से बेहाल हो गए हैं। कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात भी देखे गए। (US Snow Storm)

वहीं भारी बर्फबारी की वजह से कई जगह बिजली की हाईटेंशन लाइनों में स्पार्किंग हुई। इसके बाद बिजली की सप्लाई ठप हो गई और कई शहर अंधेरे में डूब गए। लोगों को क्रिसमस का त्योहार भी भारी सर्दी और अंधेरे के बीच ही मनाना पड़ा। सोमवार सुबह तक कई जगह बिजली सप्लाई बहाल नहीं हो पाई थी। सर्दियों में आए इस तरह के भयंकर तूफान को बॉम्ब साइक्लोन कहा जाता है। इसे यह नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि तूफान आने के कुछ घंटों में ही पूरा इलाका लो प्रेशर एरिया में तब्दील हो जाता है। इससे इलाके में भारी बर्फबारी होती है और तेज बर्फीली हवाओं के साथ बारिश होती है। बॉम्ब साइक्लोन की गंभीरता कैटेगरी 1 चक्रवात जैसी ही होती है। (US Snow Storm)

बम चक्रवात यानी बहुत जल्‍द तेज होने वाला या बेहद कम दबाव वाला सिस्‍टम। जब सेंट्रल प्रेशर 24 घंटे में कम से कम 24 मिलीबार गिरा हो तो उसे ‘बम चक्रवात’ कहते हैं। वैसे तो ज्यादाकर इस तरह के तूफान समुद्र के ऊपर होते हैं लेकिन जब वो जमीन पर असर करते हैं तो बम की तरह बरसकर तबाही ला सकते हैं…बम तूफान के असर से कहीं-कहीं पर हवा का दबाव 962 मिलीबार्स तक गिर जाता है तो कहीं 1047 मिलीबार्स तक। फिलहाल अमेरिका में बम तूफान बड़ी झीलो की तरफ बढ़ रहा है।

मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि जैसे ही आर्कटिक की हवा अमेरिका के बाकी हिस्सों की तरफ बढ़ेगी, गर्म होती जाएगी, वायुदाब का अंतर कम होगा, जिससे तूफान कमजोर हो जाएगा। अनुमान है नए साल के बाद ही मौसम में कुछ राहत मिलेगी, फिलहाल अमेरिका की 60% आबादी यानी 20 करोड़ लोग किसी न किसी विंटर वॉर्निंग से प्रभावित हैं, जिनमें से 17.7 करोड़ लोगों को सर्द हवाओं की, 1.1 करोड़ लोगों को बर्फीली आंधी की, 6.5 करोड़ लोगों को तूफान की और 5 लाख लोगों को भयानक बर्फीले तूफान की चेतावनी मिली है। (US Snow Storm)

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