PM on North East: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये पहला और अनोखा आयोजन है, जब इतने बड़े स्तर पर नॉर्थईस्ट में निवेश के द्वार खुल रहे हैं। ये नॉर्थईस्ट के किसानों, कारीगरों और शिल्पकारों के साथ-साथ दुनियाभर के निवेशकों के लिए भी बेहतरीन अवसर है। मैं अष्टलक्ष्मी महोत्सव के आयोजकों को, नॉर्थईस्ट के सभी राज्यों के निवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। पर्वोत्तर के विविधता भरे रंग राजधानी में एक सुंदर सा इंद्रधनुष बना रहे हैं। पश्चिमी क्षेत्र ने भारत की ग्रोथ स्टोरी में बड़ी भूमिका निभाई है।
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PM मोदी ने कहा कि 21वीं सदी ईस्ट की है, एशिया की है, पूर्व की है, भारत की है। ऐसे में मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत में भी आने वाला समय, पूर्वी भारत का है, हमारे पूर्वोत्तर का है। बीते दशकों में हमने बैंगलोर, मुंबई, हैदराबाद, अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई… जैसे बड़े शहरों को उभरते देखा है। आने वाले दशकों में हम अगरतला, गुवाहाटी, गंगटोक, आइजोल, शिलांग, ईटानगर, कोहिमा जैसे शहरों का नया सामर्थ्य देखने वाले हैं। इसमें अष्टलक्ष्मी जैसे आयोजनों की बहुत बड़ी भूमिका होगी। अष्टलक्ष्मी महोत्सव नॉर्थ ईस्ट के बेहतर भविष्य का उत्सव है, ये विकास के नूतन सूर्योदय का उत्सव है, जो ‘विकसित भारत’ के मिशन को गति देने वाला है। (PM on North East)
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम… नॉर्थ ईस्ट के इन आठों राज्यों में अष्टलक्ष्मी के दर्शन होते हैं। पूर्वोत्तर भारत में प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं। पूर्वोत्तर में खनिज, तेल और जैव विविधता का अद्भुत संगम है। यहां अक्षय ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। यह धनलक्ष्मी पूर्वोत्तर के लिए वरदान है। हमारा पूर्वोत्तर प्राकृतिक खेती और बाजरे के लिए प्रसिद्ध है। हमें गर्व है कि सिक्किम पहला ऐसा राज्य है जो जैविक खेती करता है। लंबे समय तक हमने देखा है कि विकास को कैसे वोटों की संख्या से तोला गया। नॉर्थईस्ट के पास वोट कम थे, सीटें कम थीं, इसलिए पहले की सरकारों द्वारा वहां के विकास पर ध्यान नहीं दिया गया। (PM on North East)
उन्होंने कहा कि अटल सरकार के दौरान नार्थईस्ट के विकास के लिए अलग मंत्रालय बनाया गया। बीते दशक में हमने प्रयास किया कि दिल्ली और दिल, इससे दूरी का जो भाव है, वो कम होना चाहिए। नॉर्थ ईस्ट को हम, भावना, अर्थव्यवस्था और इकोलॉजी, इस त्रिवेणी से जोड़ रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट में हम सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना रहे, बल्कि भविष्य की एक सशक्त नींव तैयार कर रहे हैं। कई शैक्षणिक केंद्र पूर्वोत्तर भारत में स्थित हैं, जिसने आधुनिक भारत के निर्माण में मदद की। IIT, गुवाहाटी, NIT,सिलचर, NIT, मेघालय, पूर्वोत्तर को अपना पहला एम्स मिला, और देश का पहला राष्ट्रीय खेल मणिपुर में बनाया जा रहा है। (PM on North East)
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दशक में, नॉर्थ ईस्ट में कई ऐतिहासिक शांति समझौते हुए हैं। राज्यों के बीच भी जो सीमा विवाद थे, उनमें भी काफी सौहार्दपूर्ण ढंग से प्रगति हुई हैं। नॉर्थईस्ट में हिंसा के मामले में कमी आई हैं। कई जिलों से AFSPA को हटाया जा चुका है। हमें मिलकर अष्टलक्ष्मी का नया भविष्य लिखना है, इसके लिए सरकार हर कदम उठा रही है। पिछले एक दशक में सिर्फ एक योजना के तहत पूर्वोत्तर पर 5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए हैं। यह पूर्वोत्तर के प्रति मौजूदा सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है। इस योजना के अलावा, हमने पूर्वोत्तर के लिए विशेष योजनाएं भी शुरू की। (PM on North East)
केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जो सोच और विचारधारा है कि अतुल्य भारत की अतुल्य पूर्वी क्षेत्र की विशेषताओं को विश्व पटल पर हमें उजागर करना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्वाभाविक रूप से तय कर दिया कि पूर्वोत्तर भारत का ग्रोथ इंजन बनेगा। पिछले 60 सालों में जिस क्षेत्र को विकास से दूर रखा गया था, प्रधानमंत्री मोदी ने निर्णय लिया कि विकसित भारत की परिकल्पना हम वहीं से शुरू करेंगे। (PM on North East)