छत्तीसगढ़ के सांसद राजीव शुक्ला ने की राज्यसभा में संविधान पर दोबारा चर्चा की मांग, कहा- दो दिन की बहस सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप में चली गई

Rajeev in Rajya Sabha: छत्तीसगढ़ के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि मैं सोच रहा था कि संविधान पर बहस होगी। हम सब बहुत खुश थे कि बिना मनमुटाव के बहस होगी, लेकिन मैं देख रहा हूं दोनों सदनों में पूरे समय जवाहरलाल नेहरू जी, इंदिरा गांधी जी, राजीव गांधी जी और मनमोहन सिंह जी को भला-बुरा कहा गया। ऐसा लग रहा है कि ये चर्चा संविधान पर है ही नहीं.. सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप है। आज क्या होना है, आगे क्या होना चाहिए, इस पर कोई बात ही नहीं है। क्या नेहरू जी ने कोई काम नहीं किया?, क्या इंदिरा जी ने कोई काम नहीं किया?, क्या लाल बहादुर शास्त्री जी ने कोई काम नहीं किया? क्या अटल बिहारी वाजपेई जी ने कोई काम नहीं किया?

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उन्होंने कहा कि सुबह से शाम तक पूरे दो दिन की बहस सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप में चली गई। गंभीर बहस को हमने गाली-गलौज की बहस बना दिया है। हमने पुराने प्रधानमंत्रियों की खामियों पर चर्चा की, हमने उनकी कमियों पर चर्चा की। हमने सिर्फ उनकी आलोचना करने पर ध्यान दिया। 60 साल पहले किसने क्या निर्णय लिया, किन परिस्थितियों में लिया, वो भी हमें सोचना पड़ेगा। सभी प्रधानमंत्रियों ने मिलकर देश के लिए विकास के कई काम हुए। इसके अलावा, मैं बार-बार कहता हूं कि ज्यूडिशरी में भी रिफ़ॉर्म होना चाहिए, क्योंकि हर चीज में रिफॉर्म हो रहा है। मेरी मांग है कि संविधान पर दोबारा चर्चा होनी चाहिए, लेकिन वो आरोप-प्रत्यारोप वाली, बल्कि गंभीर चर्चा होनी चाहिए। (Rajeev in Rajya Sabha)

लोकसभा में आज की तारीख में सिर्फ 18% महिलाएं: पाटिल 

सांसद रजनी पाटिल ने कहा कि जब संविधान बना तो उसे बनाने वालों में से 15 महिलाएं थीं। उन्होंने खुद कभी नहीं बोला कि हमें आरक्षण चाहिए। बल्कि उन्होंने महिला आरक्षण का विरोध किया। उन्होंने यह माना कि आने वाले समय में शायद देश की राजनीति में महिलाओं की संख्या बढ़ जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। लोकसभा में आज की तारीख में सिर्फ 18% महिलाएं हैं। मैं आभार व्यक्त करना चाहूंगी उस महान नेता का, जिनके विज़न से हमारी जैसी महिलाएं राजनीति में आईं और वो महान नेता राजीव गांधी जी हैं। मैं याद दिलाना चाहूंगी… जब 1996 में लोकसभा में पहली बार महिला रिजर्वेशन बिल लाया गया था, तब देवगौड़ा जी प्रधानमंत्री थे। मैं भी लोकसभा की सदस्य थी, उस समय किसी ने विरोध नहीं किया, बल्कि BJP की नेता उमा भारती ने विरोध जताया था। (Rajeev in Rajya Sabha)

RSS ने संविधान को कचरे का ढेर बताया था: रजनी 

सांसद रजनी ने कहा कि 2023 में जब नारी वंदन अधिनियम लाया गया, तो कहा गया हम सब महिलाओं को आरक्षण मिलेगा, लेकिन असलियत में आरक्षण 2029 में मिलेगा। यानी केवल बीरबल की खिचड़ी पकाने का काम किया गया है। BJP संविधान दिवस मनाने का सिर्फ दिखावा कर रही है, जबकि संविधान पर हमला कर, उसे और कमजोर करने की कोशिश की है। RSS की बुनियादी विचारधारा ही संविधान विरोधी है। RSS ने अपने श्वेत पत्र में संविधान को कचरे का ढेर बताया था। समय-समय पर इनके नेता संविधान बदलने की बात करते रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, हिंदुओं और ईसाइयों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, लेकिन मोदी सरकार इस मुद्दे पर खामोश है, कोई कदम नहीं उठा रही। (Rajeev in Rajya Sabha)

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