राजिम माघी पुन्नी मेला फिर हुआ ‘कुंभ’, कैबिनेट की बैठक में लिया गया फैसला

Rajim Kumbh in Cabinet: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर स्थित मुख्य समिति कक्ष में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के शहर राजिम के वैभव को फिर से स्थापित करने के लिए राजिम कुंभ (कल्प) की फिर से शुरुआत करने का फैसला लिया गया है। मंत्रिपरिषद की बैठक में राजिम माघी पुन्नी मेला के स्थान पर राजिम कुंभ (कल्प) मेला आयोजित करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ राजिम माघी पुन्नी मेला अधिनियम 2006 को संशोधित करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ राजिम माघी पुन्नी मेला’ (संशोधन विधेयक 2024) के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

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राजिम कुंभ (कल्प) की फिर से शुरुआत होने से राजिम मेले की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बढ़ेगी। साथ ही छत्तीसगढ़ में  सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश में जल प्रदूषण के निवारण और नियंत्रण और जल की शुद्धता बनाए रखने के लिए भारत सरकार द्वारा जल (प्रदूषण का निवारण और नियंत्रण) संशोधन विधेयक 2023 के संबंध में विधानसभा में रेजोल्यूशन लाने का फैसला लिया गया। धर्मस्व, धार्मिक न्यास, संस्कृति और पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि राजिम कुंभ कल्प का आयोजन 24 फरवरी से 8 मार्च तक होगा। हाल ही में मंत्री ने गरियाबंद, रायपुर, धमतरी जिले के अधिकारी कर्मचारी सहित जनप्रतिनिधि और मेला समिति के सदस्यों के साथ बैठक की है। (Rajim Kumbh in Cabinet)

राजिम कुंभ कल्प को इस बार रामोत्सव के रूप में मनाने की तैयारी है। सरकारी अधिकारियों को निर्देश हैं कि आयोजन में राजिम कुंभ की भव्यता दिखे। मेले में इस दौरान तीन पुण्य स्नान होंगे। देशभर से बड़ी संख्या में नागा साधु संत भी कुंभ में आएंगे। भाजपा की सरकार आने से पहले कांग्रेस के कार्यकाल में राजिम कुंभ का नाम बदलकर माघी पुन्नी मेला कर दिया गया था। अब भाजपा की सरकार पांच साल बाद राजिम कुंभ को भव्यता से आयोजित करने जा रही है। राजिम के मेले में विश्वस्तरीय साधु-संतों में बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री, पंडित प्रदीप मिश्रा भी आएंगे। दोनों ही संतों को मानने वाले करोड़ों लोग हैं। रायपुर में पिछले दिनों हुए दोनों ही संतों के कार्यक्रमों में 7 से 8 लाख लोग पहुंचे थे। (Rajim Kumbh in Cabinet)

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