महंत घासीदास संग्रहालय में 18 और 19 अक्टूबर को रजवार चित्र प्रदर्शनी का आयोजन, यहां पढ़ें कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी
Rajwar Photo Exhibition : राजधानी रायपुर में 18 और 19 अक्टूबर को रजवार चित्रकला प्रदर्शनी (Rajwar Photo Exhibition) का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन आदिवासी लोक कला अकादमी, छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद् द्वारा किया जा रहा है।
महंत घासीदास संग्रहालय की कला वीथिका में 18 अक्तूबर को संध्या साढ़े पांच बजे से रात्रि 8 बजे तक चित्रकला प्रदर्शनी रहेगी। 19 अक्तूबर को सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक प्रदर्शनी आयोजित है। दोनों दिन दस दिवसीय रजवार चित्रकला शिविर (Rajwar Photo Exhibition) में बनाए गए चित्रों को आमलोगों के अवलोकन के लिए प्रदर्शित किया जाएगा।
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Rajwar Photo Exhibition इन कलाकारों के चित्रों का प्रदर्शन
गौरतलब हो कि रजवार चित्रकला से जुड़े कलाकार चित्रकला शिविर में लगातार चित्र बना रहे है। छत्तीसगढ़ की पहचान को रेखांकित करने वाले दस कलाकार पहली बार एक साथ कला वीथिका में एकत्र हुए है। इस प्रदर्शनी में बुधनी राजवाड़े, पंडित राम, सहोदरी बाई, रामकरन राम, भगत राम, कुदरराम, अमित कुमार, संदीप कुमार, पार्वती और बेलपती के चित्रों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
यह पहला अवसर होगा जब रजवार चित्रों की प्रदर्शनी कला दीर्घा में आयोजित की जायेगी। राजधानी में रजवार चित्रों की प्रदर्शनी के बाद चित्रों की प्रदर्शनी छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों और प्रदेश के बाहर भी आयोजित की जाएगी।
इन चित्रों की प्रदर्शनी के बारे में
आदिवासी लोककला अकादमी के अध्यक्ष नवल शुक्ल का कहना है कि
“छत्तीसगढ़ की इस विशिष्ट रजवार चित्रकला शैली को पहचान, प्रोत्साहन और सम्मान देने के लिए राजधानी में चित्रकला शिविर का आयोजन किया जा रहा है। ऐसी गतिविधियां छत्तीसगढ़ के अन्य आदिवासी और लोक कला रूपों पर आगे भी करते रहने की योजना है। ताकि प्रदेश के जनजातीय और लोक कला रूपों को समुचित प्रतिष्ठा मिल सके।
क्या है Rajwar Photo Exhibition
रजवार चित्रकारी भित्ती चित्रकारी की एक विशिष्ट शैली है। जो छत्तीसगढ़ के सरगुजा अंचल में विशेष रूप से प्रचलित है। यह एक ऐसी परंपरा है जो छत्तीसगढ़ की संस्कृति को भित्ती चित्र के माध्यम से प्रस्तुत करती है। इस भित्ती चित्र के माध्यम से प्रकृति एवं ग्रामीण परिवेश का चित्रण किया जाता है। यह एक पारंपरिक भित्ती चित्र शैली है।