Sarpanch Dismissed: भ्रष्टाचार के आरोप में महिला सरपंच को किया गया बर्खास्त, चुनाव लड़ने पर भी लगाया रोक

Sarpanch Dismissed: बिलासपुर के जुनापारा की महिला सरपंच गीता मोतीलाल चतुर्वेदी को मनरेगा में भ्रष्टाचार के चलते बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही उन्हें 6 साल के लिए अयोग्य भी घोषित कर दिया है। सरपंच गीता पर क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूरों और अस्पताल में काम कर रहे कर्मचारियों के नाम से फर्जी मस्टररोल बनाकर गबन करने का आरोप था। जांच में सही मिलने के बाद SDM ने ये कार्रवाई की है।

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मस्टर रोल में स्थानीय निवासी रामेश्वर का नाम भी था, लेकिन उसने काम ही नहीं किया था। इस पर रामेश्वर ने सरपंच गीता चतुर्वेदी के खिलाफ शिकायत की। इसमें बताया कि सरपंच ने मिट्टी-मुरूम सड़क निर्माण कार्य बालक के घर से कठमुड़ा रैय्यत तक 700 मीटर और बरगन में छोटा तालाब गहरीकरण कार्य कराने का मस्टर रोल तैयार किया। जबकि कठमुड़ा रैय्यत में काम कराया ही नहीं गया। वहीं मस्टर रोल भी फर्जी बनाया। आरोप लगाया कि मस्टर रोल में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूरों और हॉस्पिटल में कार्य कर रहे कर्मचारियों समेत अन्य के नाम दर्ज किए गए हैं। इस पर जनपद पंचायत की ओर से मामले की जांच कराई गई। (Sarpanch Dismissed)

जांच के आधार पर SDM ने की कार्रवाई

जांच में पता चला कि जय लाल का नाम मस्टर रोल में 10 मार्च 2020 से 15 मार्च 2020 तक किए गए कार्य में दर्ज था, लेकिन उसने काम किया ही नहीं था। रामेश्वर के साइन फर्जी मिले। जबकि हेमंत मरावी मनरेगा कार्य के दौरान अस्पताल में काम कर रहा था। सरपंच ने इन सभी और अन्य के नाम मस्टर रोल में डाले और 21 हजार 70 रुपए का भुगतान उनके नाम से ले लिया। SDM कोर्ट ने माना कि मस्टररोल को सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक तीनों ही प्रमाणित करते हैं। तभी राशि बैंक से निकाली जा सकती है। ऐसे में उन दोनों के साथ ही सरपंच ने भी साइन किए। ऐसे में दोनों के साथ ही सरपंच भी उतना ही जवाब देह है। इसके आधार पर SDM ने सरपंच गीता मोती लाल चतुर्वेदी के खिलाफ आदेश दिए हैं। (Sarpanch Dismissed)

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