श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह के पांचवे दिन, पं.हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने कहा- हिंदूत्व ही एक मात्र खुशहाल जीवन जीने का है मार्ग

Shrimad Bhagwat Katha : श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पांचवे दिन भक्ति के रंग में पूरी तरह सराबोर बसना कथाव्यास पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज के मुखारविंद से नंदोत्सव, भगवान शंकर का श्री कृष्ण के दर्शन करना, बाल लीला, माखन चोरी, गोवर्धन लीला का प्रसंग सुन उत्साह और उमंग से लबरेज श्रद्धालुओं ने हे नाथ नारायणा वासुदेव… एवं नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की… की गूंज के साथ झूमते-गाते नजर आए।

Shrimad Bhagwat Katha

कथाव्यास पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज एवं मुख्य यजमान डॉ. सम्पत सरोज अग्रवाल, उप यजमान सुमित सोनिया अग्रवाल, किशन सृष्टि अग्रवाल सहित सभी उप यजमान उपस्थित श्रद्धालुओं ने श्रीमद् भागवत महापुराण की मंगल आरती कर भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। इस दौरान पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि हमारा धर्म, हमारी संस्कृति सबसे प्राचीन है। हमारे साधु संत भूत और भविष्य बताने के साथ साथ भूत और भविष्य बदल सकते हैं, हमारा धर्म एवं वेद बहुत श्रेष्ठ है, हमारे वेदों के मंत्रों में वो शक्ति है जो आकाश में बैठे देवी देवताओं को धरती में लाने का सामर्थ रखता है। हमारे संतों के साधना से सीधे देवी देवताओं से संवाद करने की क्षमता है। (Shrimad Bhagwat Katha)

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बागेश्वर धाम के पंडित महाराज के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे साधु संत और विद्वान हिन्दूत्व को पूरे विश्व में फैलाने एवं प्रत्येक मानव को जीवन की वास्तविकता से ज्ञान कराता है। हमारे हिंदूत्व में ही एक मात्र खुशहाल जीवन जीने का मार्ग है। जो व्यक्ति हिन्दू समाज की रक्षा करने, पूरे विश्व में हिन्दू धर्म का जयकारा करना है। तो उसका समर्थन करना होगा। हमारे साधु संत और विद्वान खुली किताब की तरह होते हैं। आप सब अपने वैभव को समझो, आज कोई भी अत्याचारी में सनातन धर्म, सनातन संस्कृति को हानि पहुंचाने की क्षमता नहीं है।

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उन्होंने आगे कहा कि जब हम सुबह सोकर उठते थे। सबसे पहले धरती मां को प्रणाम करते थे और आज भी हम सबमें यह संस्कार होना चाहिए। क्योंकि यह हमारे संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, यह सब संस्कार हमें घर में ही मिलता है। इसलिए अपने बच्चों को सनातन संस्कृति की संस्कार जरूर देना। अपने से बड़ों को सम्मान देना सिखाए। गरीबी अमीरी देखें बिना सभी का सम्मान करना सिखाएं। धन के अहंकार में मत आइएगा, आप जो कमा रहे हैं वो सब दुसरे के लिए है। क्योंकि उसका उपयोग दुसरे ही करते हैं। एक कथा प्रसंग के दौरान कहा कि जिस व्यक्ति को धन, सुंदरता और ज्ञान का अहंकार होता है। उसका समय आने पर सभी का नाश निश्चित रूप से हो जाता है, धन का दान करने से धन की शुद्धता के साथ प्राप्ति होती है। अहंकारी न बनने के लिए बस ये आदत डालनी चाहिए कि हमें अपने आप को सभी से छोटा समझना चाहिए, सभी का सम्मान करना चाहिए, सभी बड़ो के पैर छुकर आशीर्वाद लेना चाहिए। (Shrimad Bhagwat Katha)

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सम्पत अग्रवाल ने जनप्रतिनिधियों एवं श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति कार्यकर्ताओं का सम्मान किया

Sampat Agrawal

श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन वरिष्ठ भाजपा नेता धनमाली साव, जनपद पंचायत पूर्व अध्यक्ष आनंद विलास साव, चिकित्सा प्रकोष्ठ सतनामी समाज जिलाध्यक्ष मनीष भारद्वाज, सिद्धार्थ चतुर्वेदी रायपुर। हनुमान प्रसाद सपरिवार राजाखरिया, त्रिलोक नाथ जैन टिटलागढ, राहुल गोयल झारखंड, जयनारायण अग्रवाल भुक्ता, ठाकुर अनंतराम वर्मा पिथौरा, रुपनारायण सिन्हा प्रचारक। जसबीर सिंह, किशोर सिन्हा पिथौरा, सुधीर नाग, प्रीतम दिवान पूर्व विधायक, कन्हैया नायक बागबाहरा एवं श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति से शीत गुप्ता, जर्नलिस्ट प्रकाश सिन्हा। विकास वाधवा, मुकेश दुबे, सतीश देवता, हरिकेशन, विक्की सलुजा, निर्मलदास, हरजिंदर सिंह, कामेश बंजारा, आकाश सिन्हा आदि ने पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान कार्यक्रम के संयोजक एवं नीलांचल सेवा समिति के संस्थापक डॉ. सम्पत अग्रवाल के द्वारा पं. हिमांशु कृष्ण भारद्वाज के हाथों जनप्रतिनिधियों एवं श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति कार्यकर्ताओं का श्रीराधे कृष्ण की माला पहनाकर एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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Shrimad Bhagwat Katha के पांचवे दिन यजमान के रूप में रहें उपस्थित

श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन मुख्य यजमान डॉ. सम्पत सरोज अग्रवाल, उप यजमान सुमित सोनिया अग्रवाल, अमित रिंकी अग्रवाल, किशन सृष्टि अग्रवाल, मुरारीलाल राजकुमारी अग्रवाल, दयाराम रामकली अग्रवाल, जयंतीलाल चन्द्रकला अग्रवाल, राहूल प्रगति अग्रवाल। विजय रश्मी अग्रवाल, सुशील नेहा अग्रवाल, सुनील दुर्गा अग्रवाल, ज्योति ममता अग्रवाल, निर्मल वीना दास, विकास अंशु वाधवा, देवचरण माला अग्रवाल, अशोक रीना अग्रवाल। शंकर सुमन अग्रवाल, नन्दकिशोर लक्ष्मी अग्रवाल, मुकेश नीलिमा प्रधान, बृजेश सोनीदेवी यादव, कमलध्वज जमुना पटेल, मुकेश सुमन दुबे, रामरतन अंजना अग्रवाल, नरेश रेखा अग्रवाल, श्याम सुन्दर मीना अग्रवाल, कीर्तिलाल किरण फूलमोती पटेल। ओमप्रकाश किरण अग्रवाल, शैलेश सगुन अग्रवाल, गजानन अरुणा अग्रवाल, बिष्णु लक्ष्मी अग्रवाल, राजकुमार गीता अग्रवाल, विकास भारती अग्रवाल, श्याम कांता अग्रवाल। रघुवीर उमा अग्रवाल उपस्थित रहे।

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