
Weather Twist : इस बार देश में मानसून (Southwest Monsoon 2025) समय से पहले दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून 27 मई को केरल पहुंचेगा, जबकि सामान्यत: यह एक जून को आता है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 13 मई तक मानसून के पहुंचने की संभावना है।
अगर मानसून (Southwest Monsoon 2025) 27 मई को आता है, तो यह 16 वर्षों में पहली बार होगा जब वह इतनी जल्दी पहुंचेगा। इससे पहले 2009 में 23 मई, 2018 में 29 मई और 2024 में 30 मई को मानसून केरल पहुंचा था।
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, मानसून केरल से शुरू होकर 8 जुलाई तक देश के अन्य राज्यों में पहुंचता है। फिर 17 सितंबर से राजस्थान के रास्ते इसकी वापसी शुरू होती है, जो 15 अक्टूबर तक पूरी हो जाती है।
इस साल सामान्य से ज्यादा बारिश की संभावना
अर्थ एंड साइंस मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन ने बताया कि जून से सितंबर के बीच सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। औसतन 87 सेमी बारिश होती है, लेकिन इस बार यह 105% तक हो सकती है। सामान्य बारिश की सीमा 96% से 104% मानी जाती है। 104-110% को सामान्य से ज्यादा और 110% से ऊपर को अत्यधिक बारिश माना जाता है।
मौसम विभाग (IMD) अधिकारियों का कहना है कि मानसून (Southwest Monsoon 2025)की शुरुआत की तारीख और देशभर में बारिश की मात्रा के बीच कोई सीधा संबंध नहीं होता। यानी केरल में जल्दी मानसून आने का यह मतलब नहीं कि पूरे देश में भी समय से पहले बारिश होगी।
पिछले वर्षों में कैसा रहा अनुमान
पिछले पांच सालों में मानसून (Southwest Monsoon 2025) को लेकर मौसम विभाग (IMD)और निजी एजेंसी स्काईमेट के अनुमान काफी हद तक सही रहे हैं। 2024 में 108% बारिश हुई, जबकि मौसम विभाग (IMD) ने 106% और स्काईमेट ने 102% का अनुमान लगाया था। 2023 में 94% बारिश हुई, जो मौसम विभाग (IMD) के 96% और स्काईमेट के 94% अनुमान के करीब थी। 2022 में बारिश 106% रही, जो दोनों एजेंसियों के अनुमान से ज्यादा थी।
कृषि और इकोनॉमी पर असर
मौसम विभाग (IMD)के आंकड़ों के मुताबिक, 1918 में सबसे जल्दी 11 मई को और 1972 में सबसे देर से 18 जून को मानसून केरल पहुंचा था। देश की 42.3% आबादी कृषि पर निर्भर है और GDP में इसका 18.2% योगदान है। मानसून के दौरान वर्षा से फसल की पैदावार, पीने का पानी, और बिजली उत्पादन प्रभावित होते हैं। कुल वार्षिक वर्षा का 70% हिस्सा इसी दौरान होता है। अच्छी बारिश किसानों की आय बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को मजबूती देती है।
इस बार अल नीनो का असर नहीं
मौसम विभाग ने कहा है कि इस बार मानसून (Southwest Monsoon 2025) पर अल नीनो का असर नहीं होगा, जिससे सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है। 2023 में अल नीनो सक्रिय था और बारिश सामान्य से 6% कम हुई थी।
जलवायु पैटर्न : अल नीनो और ला नीना
अल नीनो : समुद्र का तापमान 3-4°C बढ़ता है, जिससे बारिश का वितरण असामान्य हो जाता है।
ला नीना : समुद्र का तापमान तेजी से गिरता है, जिससे बादल अधिक बनते हैं और अच्छी बारिश होती है।