छत्तीसगढ़ उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर NQAS सर्टिफिकेशन पाने वाला देश का चौथा राज्य

Chhattisgarh NQAS Certification: छत्तीसगढ़ उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर एनक्यूएएस (National Quality Assurance Standard) सर्टिफिकेशन हासिल करने वाला देश का चौथा राज्य बन गया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दुर्ग जिले के अमलेश्वर और रायपुर जिले के निसदा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर उप स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण और मूल्याकंन के बाद एनक्यूएएस प्रमाण-पत्र जारी किया है। राज्य के 57 शासकीय अस्पतालों को अब तक राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र से नवाजा जा चुका है।

यह भी पढ़ें:- Jio ने इस एप के द्वारा शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म में लगाई छलांग, जानें Jio Platforms लॉन्च की तारीख

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सेवाओं के मूल्यांकन में अमलेश्वर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर उप स्वास्थ्य केंद्र को 94 प्रतिशत और निसदा को 93 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं। दोनों ही स्वास्थ्य केंद्रों का इस साल जुलाई में केंद्रीय टीम द्वारा मूल्यांकन किया गया था। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर उप स्वास्थ्य केन्द्रों का राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन 12 मानकों के आधार पर किया जाता है। इसके लिए संस्था द्वारा सेवा प्रदायगी, मरीज संतुष्टि, क्लिनिकल सर्विसेस, इनपुट, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सर्विसेस, गुणवत्तापूर्ण प्रबंध, आउटपुट जैसे मानकों की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है। मूल्यांकन में खरा उतरने वाले अस्पतालों को ही केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। (Chhattisgarh NQAS Certification)

 57 अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र

प्रदेश के कुल 57 अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्राप्त हो चुका है। इनमें दस जिला अस्पताल, सात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 26 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और दो उप स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन का उद्देश्य अस्पतालों की सुविधाओं को सुदृढ़ करते हुए आम जनता तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना है। (Chhattisgarh NQAS Certification)

अमलेश्वर का हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर छत्तीसगढ़ राज्य का पहला राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन सर्टिफाइड उप स्वास्थ्य केंद्र बन गया है। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है। इस बड़ी घोषणा के साथ ही अमलेश्वर के वैलनेस सेंटर को 3 साल तक केंद्र की सहायता मिलेगी जिससे यहां बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं में और भी मजबूती आएगी। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए बीएमओ पाटन डॉ आशीष शर्मा ने बताया कि केंद्र की टीम ने सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का निरीक्षण किया और यहां सुविधाएं देखी। (Chhattisgarh NQAS Certification)

हेल्थ वैलनेस सेंटर में दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया। डॉ शर्मा ने बताया कि यहां टीम ने मरीजों से बात की और स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल की ओपीडी की जानकारी ली। आवश्यक उपकरणों की स्थिति देखी तथा व्यापक रूप से अमलेश्वर के निवासियों से भी बातचीत की। डॉ शर्मा ने बताया कि गुणवत्ता के मामले में अस्पताल का स्कोर 94 प्रतिशत रहा। उन्होंने बताया कि ऐसी तीन बातें हुई जिससे अमलेश्वर को यह सम्मान मिल पाया। (Chhattisgarh NQAS Certification)

टेली कंसल्टेशन से भी निमहान्स जैसे अस्पताल के डाक्टरों से मिल रहा परामर्श- डॉ शर्मा ने बताया कि हॉस्पिटल में टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध है। इसके माध्यम से न केवल स्थानीय स्तर पर बीमारियों का परीक्षण किया जाता है अपितु टेली कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बड़े अस्पताल से कनेक्ट कर मरीजों का चिकित्सकीय परीक्षण किया जाता है। उदाहरण के लिए मानसिक बीमारियों के मामले में देश के देश की मानी हुई संस्थान निमहंस बेंगलुरु के विशेषज्ञ जुड़ते हैं। इसी तरह से अन्य बीमारियों में भी स्वास्थ्य केंद्रों से लगातार संपर्क बना रहता है।

हर दिन 40 की OPD, संस्थागत प्रसव की सुविधा भी उपलब्ध – अस्पताल में 35 से 40 तक होती है। अच्छा इलाज होने की वजह से लोग काफी आते हैं और दिल की बीमारी, कैंसर आदि बीमारियों को आरंभिक रूप से ही चिन्हांकित करने में मदद मिल जाती है। इसके साथ ही यहां संस्थागत प्रसव की सुविधा भी उपलब्ध है। अप्रैल महीने से अब तक यहां 21 डिलीवरी हो चुकी है।

समुदाय का भी बढ़िया योगदान – स्वास्थ्य मंत्रालय हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर की उपयोगिता का बड़ा मानदंड यह भी रखता है कि इसे संचालित करने में स्थानीय समुदाय की कैसी भूमिका है। अमलेश्वर के संबंध में अच्छी बात यह हुई कि यहां ग्राम पंचायत ने अस्पताल के संचालन में काफी रूचि ली। अस्पताल मुरूम खदान के निकट की भूमि में था। इसके चारों ओर बाउंड्री वाल अपने खर्च पर पंचायत ने खड़ी की। इसमें लगभग 5 लाख रुपये की राशि लगी। अस्पताल के विकास के लिए पंचायत का बढ़िया योगदान रहता है। (Chhattisgarh NQAS Certification)

Related Articles

Back to top button