संदेशखाली मामले में ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट का झटका, तुरंत सुनवाई से किया इनकार

Sandeshkhali Row : संदेशखाली मामले को लेकर पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. ममता सरकार टॉप कोर्ट के पास जल्द सुनवाई के लिए पहुंची थी पर सुप्रीम कोर्ट ने उसे उल्टे पांव लौटा दिया. बुधवार (6 मार्च, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने केस में तुरंत सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया.

संदेशखाली (Sandeshkhali Row) में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हुए हमले से जुड़े मामले को लेकर सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर फिर से जल्द सुनवाई की मांग की थी, जिस पर जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने सुनवाई पर कोई आदेश देने से मना किया. अभिषेक मनु सिंघवी से इस दौरान चीफ जस्टिस के पास जाने को कहा गया.

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कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले की जांच देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी है, जबकि टीएमसी से जुड़े आरोपी शाहजहां शेख समेत दूसरे आरोपियों की हिरासत भी सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है. अब तक राज्य पुलिस ने इसका पालन नहीं किया है, जबकि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के संविधान पीठ में होने के चलते यह मामला उनके सामने नहीं रखा जा सका है.

कलकत्ता HC ने दिया था निर्देश
बंगाल सरकार की कार्रवाई से पहले, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि संदेशखली में ईडी अधिकारियों पर हमले का मामला और निलंबित टीएमसी नेता शाहजहां शेख की हिरासत को सीबीआई को सौंप दिया जाए, जबकि आरोपियों को “बचाने” के लिए ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की गई थी. (Sandeshkhali Row)

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