छत्तीसगढ़ में मिली हार को लेकर दिल्ली में मंथन, लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे: सैलजा

Congress Meeting Regarding Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 5 साल तक राज करने के बाद भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस पार्टी सिर्फ 35 सीटों पर सिमट कर रह गई है। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मिली हार को लेकर दिल्ली में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, अजय माकन, कार्यवाहक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपमुख्यमंत्री TS सिंहदेव, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर शामिल हुए। 

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वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री शिव कुमार डहरिया, उमेश पटेल, ताम्रध्वज साहू, मोहन मरकाम, पूर्व विधायक धनेंद्र साहू और छत्तीसगढ़ महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलो देवी नेताम भी मौजूद रहीं। बैठक के बाद कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने मीडिया से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हर एक सर्वे में कहा जा रहा था कि हम (कांग्रेस) छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतने जा रहे हैं। 5 साल तक सरकार में रहने के बाद वोट प्रतिशत में कमी न आना एक बड़ी उपलब्धि है। हमने लोगों का विश्वास हासिल किया है। हमने लोगों का भरोसा भी जीता। हम इस हार से निराश तो हुए हैं, लेकिन हताश नहीं हुए हैं। इस हार के कई कारण हैं, जिनकी हम समीक्षा कर रहे हैं। (Congress Meeting Regarding Chhattisgarh)

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि हम मिलकर लोकसभा चुनाव चुनाव लड़ेंगे। हमने 18 महिलाओं को टिकट दिए थे, उनसे से 11 महिलाएं जीतीं। किसान, दलित समेत सबने हमारा साथ दिया। हमारे कार्यकर्ता हर कोने में जाएंगे और लोकसभा में हम जीतेंगे। बता दें कि देश में अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होंगे। छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटें हैं। 11 में से 9 सीटें बीजेपी के पास हैं। वहीं सिर्फ बस्तर और कोरबा लोकसभा सीट कांग्रेस के पास है। फिलहाल कांग्रेस की कोशिश छत्तीसगढ़ में इन सीटों की संख्या बढ़ाने को लेकर है। हालांकि ये कम ही नजर आ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की जनता BJP को एकतरफा वोट देती है। 2019 के चुनाव में भी कांग्रेस लहर के बीच छत्तीसगढ़ की जनता ने BJP के 9 सांसदों को लोकसभा भेजा था। (Congress Meeting Regarding Chhattisgarh)

बैठक में प्रदेश की स्थिति को लेकर विधानसभावार विधायकों के हारने की वजह क्या रही, डिप्टी CM टीएस सिंहदेव समेत मंत्रियों के हारने का कारण क्या रहा, इन सभी विषयों पर चर्चा हुई। साथ ही नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी चर्चा की गई। कांग्रेस पार्टी के वैसे तो 37 विधायक चुनाव हार चुके हैं, लेकिन अगर बात की जाए वोट प्रतिशत की तो वो सिर्फ 0.86% ही घटा है। ऐसे में पार्टी के नेता नई रणनीति के साथ जनता के बीच जाना चाहते हैं, ताकि लोकसभा के लिहाज से वोट प्रतिशत बढ़ाया जा सके। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दो तिहाई सीटों पर हारी है। बीजेपी को 54 और कांग्रेस को 35 सीटें मिली हैं। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने 1 सीट पर जीत दर्ज की है। सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को सरगुजा और रायपुर संभाग में लगा है। यहां सभी सीटें कांग्रेस के हाथ से निकल गई हैं। (Congress Meeting Regarding Chhattisgarh)

कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाकर जनता तक ले जाने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही बूथवार ट्रेनिंग सेशन भी शुरू किया जाएगा। ज्यादा से ज्यादा सीटों पर कांग्रेस मजबूत हो, इसके लिए अलग-अलग अभियान भी चलाए जाएंगे। कहा जा रहा है कि अभी जो हालात हैं, उसे देखते हुए संगठन में बदलाव की संभावना बहुत कम है। अब इसी नेतृत्व के साथ लोकसभा चुनाव में उतरने की तैयारी कांग्रेस पार्टी कर रही है। न तो प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज बदले जाएंगे और न ही प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा के बदले जाने की कोई संभावना है। हालांकि सरगुजा जिले के रामानुजगंज से पूर्व कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रदेश में पार्टी की हार के लिए पूर्व डिप्टी CM टीएस सिंहदेव को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही PCC प्रभारी कुमारी सैलजा को हटाने की मांग की है। (Congress Meeting Regarding Chhattisgarh)

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