गर्मियों में खुदवाए गए 200 तालाब बारिश में लबालब, ग्राउंड वाटर हो रहा रिचार्ज

Ponds of Raigarh: रायगढ़ जिले में जल संरक्षण की दिशा में इस साल ऐतिहासिक कार्य हुआ है। बारिश के करोड़ों लीटर पानी को सहेजने जिले में करीब 200 तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया है। गर्मियों में खुदवाए गए ये तालाब अब बारिश में लबालब हो रहे हैं। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में जल संरक्षण की दिशा में बारिश के पानी को सहेजने जिले के अलग-अलग तालाबों के साफ-सफाई और गहरीकरण का काम किया गया है। विभागीय योजना के साथ सीएसआर से भी काम कराया गया। अमृत सरोवर की खुदाई मनरेगा से की गई। वहीं जिले के विभिन्न उद्योगों को सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत अलग-अलग तालाबों को संवारने का जिम्मा दिया गया।

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डीएमएफ से भी राशि जारी की गई है। तालाबों में जमी गाद और कचरे को साफ  किया गया। जिससे तालाब की गहराई में 3 से 6 फीट की वृद्धि हुई और क्षेत्रफल भी बढ़ा। परिणामस्वरूप एक तालाब में ही बारिश का लगभग 1 करोड़ लीटर तक ज्यादा पानी संचित हो सकेगा। तालाब ग्रामीण जन जीवन और अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महती भूमिका निभाते हैं। आज जब गर्मी की चपेट में आकर जल स्त्रोतों के सूखने को घटनाएं सामने आती रहती हैं। ऐसे समय में रायगढ़ जिले में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में यह एक बेहद महत्वपूर्ण पहल है। इसके अंतर्गत गांवों में ऐसे तालाब जिनके अस्तित्व सिमटते जा रहे थे उन्हें सहेजने की ओर कदम बढ़ाए गए हैं। (Ponds of Raigarh)

कई सालों से जमा मलमा हटा: ग्रामीण

तालाबों की सफाई और गहरीकरण से गांवों के लोगों में भी काफी हर्ष है। बनसिया गांव के सरपंच मनोहर पटेल ने बताया कि उनके गांव के तालाब में 4 एकड़ का तालाब है, जिसका गहरीकरण इन गर्मियों में किया गया है। यहां सालों से जमा मलमा निकाला गया। इससे तालाब की गहराई बढ़ी, पानी जमा होने का क्षेत्र भी बढ़ गया है। उन्होंने इसके लिए कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा और जिला प्रशासन का धन्यवाद करते हुए उम्मीद जताई कि अब गर्मियों में भी निस्तार के लिए यहां से पानी मिलेगा। रेंगालपाली के सरपंच राकेश साव ने बताया कि उनके गांव में भी तालाब गहरीकरण किया गया है, जिससे पूरे गांव को निस्तार के लिए पानी मिल रहा है। (Ponds of Raigarh)

साफ-सफाई के साथ बढ़ी सुंदरता

तालाब की गहराई बढ़ने से ग्राउंड वाटर रिचार्ज में भी फायदा दिख रहा है। तालाब के पास के खेतों में लगे ट्यूबवेल में पानी की मात्रा बढ़ी है। तालाब के पास जिनके खेत हैं वे किसान सीधे तौर पर इससे लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही मेढ़ की चौड़ाई भी लगभग 8 फीट तक बढ़ गई है। जिससे तालाब में पानी स्टोर होने और निस्तार के लिए आने जाने में सहूलियत हो रही है। गहरीकरण और साफ-सफाई से तालाब और आस-पास की सुंदरता बढ़ेगी। विभिन्न स्थानों में पिचिंग का काम किया गया है। (Ponds of Raigarh)

भू-जल बढ़ने के साथ रोजगार के मौके भी बनेंगे

तालाब के मेढ़ की चौड़ाई भी बढ़ी है। यहां पौधारोपण भी किया जा रहा है। कई तालाबों में किनारों पर पेवर ब्लॉक्स भी लगाए जा रहे हैं। इन सब से तालाब की खूबसूरती भी बढ़ी है। तालाबों के जीर्णोद्धार से यहां करीब 1 करोड़ लीटर तक बारिश का पानी ज्यादा स्टोर होगा, जिससे आस-पास के लगभग 20 से 25 एकड़ में भू-जल स्तर बढ़ेगा। सिंचाई की सुविधा बेहतर होगी। मछली पालन जैसे आजीविका के काम किए जा सकेंगे। सब्जी उत्पादन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। (Ponds of Raigarh)

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