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मोदी कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला, छत्तीसगढ़ समेत 5 राज्यों की 15 जातियां अनुसूचित जनजाति में शामिल

Modi Cabinet Ka Faisla: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें जातियों को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बताया कि कैबिनेट ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तरप्रदेश में कई जनजातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

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कैबिनेट के इस फैसले के बाद देश में अनुसूचित जनजातियों की संख्या 705 से बढ़कर 720 हो गई है। 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में ST की जनसंख्या 10.43 करोड़ है, जो देश की कुल आबादी का 8.6% है। बैठक के दौरान UP के रविदास नगर का नाम बदलकर भदोही कर दिया गया है। गोंड जाति की 5 उपजातियों, धूरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है। (Modi Cabinet Ka Faisla)

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस फैसले से हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के ट्रांस-गिरी एरिया में बसे हट्टी समुदाय के लगभग 1.60 लाख लोगों को फायदा होगा। छत्तीसगढ़ में बृजिया समुदाय और तमिलनाडु की पहाड़ियों में रहने वाले सबसे वंचित और कमजोर समुदायों में से एक नारिकुरावर भी लाभांवित होंगे। बता दें कि उत्तर भारत में रहने वाला हट्टी वह समुदाय है, जो छोटे शहरों के बाजारों यानी हाट में फसल, सब्जियां, मांस और ऊन बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं। (Modi Cabinet Ka Faisla)

इन जातियों को किया गया शामिल

हट्टी समुदाय की जन्मभूमि मुख्य रूप से यमुना की दोनों सहायक नदियों गिरि और टोंस के बेसिन में हिमाचल-उत्तराखंड की सीमा तक फैली हुई है। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के भूईंया, भूया, पंडो, धनुहार, गदबा, गोंड, कोंध, कोडाकू, नगेसिया, धांगड़, सौंरा, बिंझिया…हिमाचल के हट्‌टी…तमिलनाडु के कुरुविक्करन…कर्नाटक के बेट्‌टा कुरुबा और उत्तर प्रदेश के गोंड, उपजाति-धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया है।​​​​​​

बता दें कि केंद्र सरकार ने मार्च में इस मुद्दे से जुड़ा विधेयक लोकसभा में पेश किया था, जिसमें उत्तर प्रदेश की गोंड, धुरिया, नायक, ओझा पठारी और राजगोंड जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाने का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था। हालांकि तब राज्यसभा में ये बिल पास नहीं हो सका था। ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल में इसे पारित करने का फैसला लिया गया। वहीं मुख्यमंत्री बघेल ने 11 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भेजकर छत्तीसगढ़ की विभिन्न जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का किया आग्रह था। (Modi Cabinet Ka Faisla)

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