सपा विधायक आजम खान को 3 साल की सजा, हेट स्पीच मामले में कार्रवाई

Aajam Khan Ko Saja: 2019 के भड़काऊ भाषण मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और 2 अन्य आरोपियों को 3 साल जेल की सजा और 2000 रुपए जुर्माना लगाया गया है। यह सजा रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने सुनाई है।  न्यायालय द्वारा 3 साल जेल की सजा सुनाए जाने पर समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने कहा कि ये अधिकतम सजा थी, जिसमें जमानत अनिवार्य प्रावधान है, जिस आधार पर जमानत मिली, लेकिन मैं इंसाफ का कायल हो गया।वहीं समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के वकील विनोद यादव ने कहा कि हमने अभी फैसला पढ़ा नहीं है। लेकिन हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। ज़मानत मिल गई है। अपील फाइल करने के लिए एक सप्ताह का समय मिला है। 

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3 साल की सजा होने के बाद आजम की विधायकी जाना तय हो गया है। इस समय आजम खान रामपुर शहर विधानसभा से विधायक हैं। आजम खान के वकील विनोद यादव ने बताया कि कोर्ट ने उनको 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। साथ ही उन्हें उच्च अदालत में अपील दायर करने के लिए 7 दिन का टाइम दिया है। 21 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई के लिए आजम खान MP/MLA कोर्ट में पेशी पर नहीं पहुंचे थे, इसलिए इस मामले में अंतिम फैसला नहीं हो सका था। (Aajam Khan Ko Saja)

कोर्ट के फैसले को लेकर आजम खान ने कहा कि उन्हें फैसला मंजूर है। वह बोले कि मैं बहुत कुछ झेल चुका हूं और फिर भी दो पैरों पर चल रहा हूं। देखते हैं आगे क्या होगा?। दरअसल, आजम खान पर पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान PM नरेंद्र मोदी और रामपुर के तत्कालीन DM के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप है। यह बयान उन्होंने थाना क्षेत्र मिलक में एक जनसभा में दिया था। इसमें उन्होंने रामपुर में तैनात कई प्रशासनिक अधिकारियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। आजम खान कई मामलों में 27 महीने जेल में रहे, उन्हें इसी साल 20 मई को जमानत मिली थी। (Aajam Khan Ko Saja)

इससे पहले आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधायकी जा चुकी है। मामला आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र से संबंधित था। साल 2017 में उनकी उम्र चुनाव लड़ने के लिए कम थी। आरोप है कि तब उन्होंने अपना फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाया था। तब अब्दुल्ला रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधायक थे। हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के अधिवक्ता प्रमोद तिवारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2013 में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। (Aajam Khan Ko Saja)

कोर्ट के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई है, तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) निरस्त कर दिया है। इस आदेश के साथ विधानसभा अध्यक्ष सदस्यता रद्द करने का आदेश पारित करेंगे। साल 2019 में थाना मिलक में वीडियो मॉनिटरिंग टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान प्रभारी ने हेट स्पीच मामले में मुकदमा दर्ज करवाया था। यह मामला MP/MLA कोर्ट/एसीजेएम प्रथम निशांत मान की अदालत में चल रहा था। (Aajam Khan Ko Saja)

आजम खान पर भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में करीब 80 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें किसानों की जमीन जबरदस्ती हथियाने से लेकर किताबें चुराने, मारपीट करने, बकरी और भैंस चुराने तक के मुकदमे दर्ज किए गए थे। ज्यादातर मामलों में उनको जमानत मिल चुकी है। उनके ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर भी सवाल उठ रहे थे। आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए आजम ने अपने रसूख का गलत इस्तेमाल किया है। आजम खान रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार विधायक रह चुके हैं। (Aajam Khan Ko Saja)

कई अलग-अलग मामलों में सपा विधायक आजम खान 27 महीने तक जेल में रह चुके हैं। उन्हें 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 20 मई की सुबह वह सीतापुर जिला जेल से रिहा हुए थे। उनकी रिहाई के दौरान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम और शिवपाल यादव भी मौजूद थे। आजादी के 1 साल पूरे होने से बस 1 दिन पहले, 14 अगस्त 1948 को यूपी के रामपुर में आजम खान का जन्म हुआ। आजम एक सामान्य परिवार से थे। उनके पिता मुमताज खान एक छोटा सा टाइपिंग सेंटर चलाते थे। परिवार को सपोर्ट करने के लिए आजम ने जमकर पढ़ाई की। BA ऑनर्स, फिर MA ऑनर्स करने के बाद आजम ने LLB किया। वह उर्दू के अच्छे जानकार भी हैं।

वहीं चुनाव आयोग ने समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव को सार्वजनिक मंचों पर उनके लगाए आरोपों को साबित करने के लिए सबूत पेश करने को कहा है। दरअसल, उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग ने BJP के इशारे पर लगभग सभी यूपी विधानसभा क्षेत्रों में यादव और मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं के 20,000 नाम जानबूझकर हटा दिए। चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को 10 नवंबर 2022 तक आयोग को विवरण प्रस्तुत करने को कहा है, ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके। उन्हें इतनी बड़ी संख्या में हटाए जाने का विधानसभा के मुताबिक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। (Aajam Khan Ko Saja)

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