शिंदे और उद्धव गुट को EC ने दिया बड़ा झटका, फ्रीज किया शिवसेना का सिम्बल, जानें आगे क्या…
Shiv Sena Symbol: चुनाव आयोग ने उद्धव और शिंदे गुट को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, आयोग ने शिवसेना के सिंबल धनुष और तीर चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया है। इसका मतलब ये है कि अब दोनों गुटों से कोई भी उपचुनाव में इस चुनाव चिन्ह यानी तीर-धनुष का उपयोग नहीं कर सकेगा। ये आदेश मुंबई की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए है। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि दोनों अपने लिए नए नाम का चुनाव कर सकते हैं और ये नाम शिवसेना से मिलता-जुलता हो सकता है। उपचुनावों में दोनों गुट अपने लिए चुनाव आयोग की दी गई लिस्ट में से कोई भी चिह्न चुन सकते हैं। उन्हें 10 अक्टूबर तक उनमें से एक चिन्ह चुनकर आयोग को बताना होगा।
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चुनाव आयोग के अनुसार 3 नबंवर को होने वाले उपचुनाव में दोनों गुट उसी पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ पाएंगे। चुनाव आयोग के इस फैसले को उद्धव गुट ने अन्याय बताया है। वहीं उपचुनाव से पहले शिवसेना के चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक लगाने को ठाकरे गुट के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि अब उन्हें अलग चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़ना होगा। बता दें कि ठाकरे से बगावत कर भाजपा के सहयोग से सरकार बनाने वाले एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग के सामने धनुष-बाण पर दावा किया था। (Shiv Sena Symbol)
Thackeray vs Shinde: EC freezes 'bow and arrow' symbol for both Sena factions in Andheri East bypolls
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— ANI Digital (@ani_digital) October 8, 2022
इधर, उद्धव ठाकरे की ओर से कहा गया था कि शिंदे पार्टी छोड़ चुके हैं, इसलिए उनका पार्टी या उसके चुनाव चिह्न पर कोई दावा नहीं बनता। हाल ही में आयोग ने ठाकरे और शिंदे से शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर अधिकार के दावे को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था। ठाकरे ने शुक्रवार को चुनाव आयोग में अपना जवाब दाखिल किया। उद्धव गुट ने 5 लाख से ज्यादा पार्टी पदाधिकारियों और सदस्यों के समर्थन वाला हलफनामा भी दाखिल किया है। चुनाव आयोग ने पिछले सोमवार को 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीख घोषित की है। 3 नवंबर को महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट के लिए चुनाव होगा। (Shiv Sena Symbol)
शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद ये सीट खाली हो गई थी। 11 मई को रमेश लटके को दुबई में हार्ट अटैक से निधन हो गया था। पूर्व लोकसभा सांसद और शिवसेना नेता चंद्रकांत खैरे ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। उन्होने कहा कि इसके तार राजनीतिक मकसद से जुड़े हैं। पार्टी के लोकसभा सांसद अरविंद सावंत ने भी आरोप लगाए कि उद्धव गुट के जवाब और शिंदे कैंप की याचिका में से किसी पर भी जरूरी विचार नहीं किया गया। उन्होंने आयोग पर सवाल उठाए और कहा कि हमने शनिवार सुबह चुनाव आयोग के सामने हमारा जवाब दाखिल कर दिया था और शाम मे ही नाम और चिह्न को फ्रीज करने का आदेश जारी हो गया। यह बगैर सुनवाई के हुआ है।
ठाकरे के वफादार महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अम्बादास दानवे ने कहा कि निर्वाचन आयोग को उपचुनाव के लिए अंतरिम आदेश जारी करने के स्थान पर समेकित फैसला लेना चाहिए था। शिवसेना के नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया कि ‘खोखेवाले गद्दारों के शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रीज कराने की शर्मनाक हरकत की है। उन्होंने कहा कि हम लड़ेंगे और जीतेंगे। हम सच के साथ हैं। सत्यमेव जयते!’ आदित्य ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर हरिबंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता ‘अग्निपथ’ भी पोस्ट की है। बता दें कि आदित्य ठाकरे ने ट्वीट करते वक्त शिवसेना को शिवेसना कर दिया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई। फिर आदित्य ठाकरे ने ट्वीट को डिलिट करके नया ट्वीट किया। (Shiv Sena Symbol)
माना जा रहा है कि पार्टी का नाम और चिह्न मिलने की उम्मीद लगाए शिंदे गुट को भी आयोग के फैसले से झटका लगा है। शनिवार को गुट ने कहा कि वे कानूनी सलाह लेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि हम बालासाहब के असली शिवसेना हैं और हमारा दावा धनुष और बाण चिह्न पर है। हम चुनाव आयोग के सामने अपना पक्ष रखेंगे और भरोसा है कि हमें न्याय मिलेगा।’ उन्होंने दावा किया है कि 70 प्रतिशत से ज्यादा शिवसैनिक शिंदे के साथ हैं। सिम्बल का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। (Shiv Sena Symbol)
वहीं शिंदे गुट के नेता और सांसद प्रतापराव जाधव ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने सही फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करके शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया है। बता दें कि शिवसेना का विवाद 20 जून से शुरू हुआ था, जब शिंदे के नेतृत्व में 20 विधायक सूरत होते हुए गुवाहाटी चले गए थे। इसके बाद शिंदे गुट ने शिवसेना के 55 में से 39 विधायक के साथ होने का दावा किया, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया था। (Shiv Sena Symbol)