Rupee Symbol Row: तमिलनाडु सरकार ने बजट में रुपए का सिंबल बदला, भाषा विवाद के बीच नया पैंतरा

बजट डॉक्यूमेंट से रुपये का चिह्न को तमिल भाषा के 'ரூ' से बदला

Rupee Symbol Row: एमके स्टालिन सरकार ने राज्य के बजट लोगो में रुपये के प्रतीक को तमिल अक्षर ‘रु’ से बदल दिया है। यह शायद पहली बार है जब किसी राज्य ने राष्ट्रीय मुद्रा प्रतीक को हटा दिया है। यह घटनाक्रम एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार के राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और तीन-भाषा नीति के विरोध के संदर्भ में सामने आया है।

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भाषा विवाद (Rupee Symbol Row) के बीच तमिलनाडु की सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने इस बार राज्य के बजट से ‘₹’ का सिंबल हटाते हुए उसे ‘ரூ’ सिंबल से रिप्लेस कर दिया है।

बता दें कि देशभर में ₹ का सिंबल बजट का आधिकारिक प्रतीक है. लेकिन तमिलनाडु की सरकार ने इसे ही रिप्लेस कर दिया है. ₹ के सिंबल को जिस ரூ सिंबल से रिप्लेस किया गया है, वह तमिल लिपि का अक्षर ‘रु’ है. यहां खास बात यह है कि पहली बार किसी राज्य ने ₹ के सिंबल में बदलाव किया है.

तिरंगे पर आधारित है ₹ सिंबल

बता दें कि देश में रुपए (₹) का जो सिंबल है, उसका डिजाइन उदय कुमार धर्मलिंगम ने बनाया था, जो कि पेशे से एक शिक्षाविद और डिजाइनर हैं. उनका डिजाइन पांच शॉर्ट लिस्टेड सिंबल में से चुना गया था. धर्मलिंगम के मुताबिक उनका डिजाइन भारतीय तिरंगे पर आधारित है.

क्या राज्य सरकार कर सकती है बदलाव?

यहां कई लोगों के मन में यह सवाल है कि क्या देश भर में मान्य इस रुपये के चिह्न को राज्य सरकार बदल सकती है। रुपये के चिह्न में बदलाव का यह अपनी तरह का पहला मामला है। इससे पहले किसी भी राज्य की तरफ से इस तरह का कदम नहीं उठाया गया है। हालांकि, केंद्र की तरफ से रुपये के चिह्न में बदलाव को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं। ऐसे में साफतौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि तमिलनाडु सरकार की तरफ से यह कदम कानून का उल्लंघन है।

यदि रुपये को राष्ट्रीय चिह्न के रूप में मान्यता मिली होती तो इसमें किसी तरह का बदलाव करने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास रहता। राष्ट्रीय चिह्न की सूची में रुपये का चिह्न नहीं है। राष्ट्रीय चिह्न में बदलाव के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह (दुरुपयोग की रोकथाम) एक्ट 2005 बना हुआ है। बाद में इस कानून को 2007 में अपडेट किया जा चुका है। एक्ट के सेक्शन 6(2)(f) में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि सरकार राष्ट्रीय प्रतीकों की डिजाइन में बदलाव कर सकती है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

एक्सपर्ट्स के अनुसार जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार के पास राष्ट्रीय चिह्न में हर वो बदलाव करने की शक्ति है जिसे वो आवश्यक समझती है। एक्ट के तहत सिर्फ राष्ट्रीय चिह्न के सिर्फ डिजाइन में बदलाव किया जा सकता है पूरा डिजाइन नहीं बदला जा सकता है। हालांकि, कई एक्सपर्ट का मानना है कि केंद्र सरकार के पास सिर्फ राष्ट्रीय प्रतीक के डिजाइन में बदलाव करने की ताकत नहीं है बल्कि वो पूरा राष्ट्रीय प्रतीक भी बदल सकती है।

इसके पीछे कारण है कि भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह (दुरुपयोग की रोकथाम) एक्ट 2005 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो सरकार को ऐसे बदलाव करने से रोकता है। इस स्थिति में संबंधित कानून में संशोधन के बाद दोनों सदनों से पारित करवाकर पूरे राष्ट्रीय प्रतीक को भी बदला जा सकता है। (Rupee Symbol Row)

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