तीस्ता सीतलवाड़ को मिली “सुप्रीम” राहत, HC के आदेश पर लगाई रोक
Teesta Setalvad Case : सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है. टॉप कोर्ट ने रात 9 :15 बजे सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ए एस बोपन्ना की बेंच ने सुनवाई करते हुए तीस्ता सीतलवाड़ को एक हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी है. कोर्ट के फैसले के बाद अब एक हफ्ते के दौरान उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी.
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तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शनिवार होने के कारण अदालत में अवकाश का दिन था इस कारण नई दिल्ली के चिन्मया मिशन में सुप्रीम कोर्ट के कई वर्तमान और पूर्व जज पहुंचे थे. दरअसल यहां ऑडिटोरियम में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेटी सुवर्णा विश्वनाथन का भरतनाट्यम नृत्य कार्यक्रम चल रहा था. (Teesta Setalvad Case)
इसमें CJI डी वाई चंद्रचूड़ के अलावा सुप्रीम कोर्ट के कई वर्तमान जज और पूर्व जज भी मौजूद थे. इसके अलावा सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अन्य वरिष्ठ वकील भी इसमें शामिल थे. करीब 6 बजे जब नृत्य शुरू हो चुका था इस दौरान ही खबर आई कि तीस्ता ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई है. इस पर 6.30 बजे जस्टिस ए एस ओक और जस्टिस प्रशांत मिश्रा की बेंच सुनवाई करेगी.
इसके बाद SG तुषार मेहता को इसकी सूचना दी गई और वो तुरंत वहां से निकल गए. इसके बाद वो बेंच के सामने पेश हुए और कुछ देर की सुनवाई के बाद जजों की राय अलग- अलग रही और मामले को तीन जजों के पास भेजने के लिए सीजेआई चंद्रचूड़ के पास भेज दिया गया. इधर करीब सात बजे मामले की सूचना CJI डी वाई चंद्रचूड को दी गई और वो तुरंत उठाकर नृत्य को छोड़कर बाहर जाकर बात करने लगे.
इस बीच SG तुषार मेहता वापस कार्यक्रम में पहुंच गए थोड़ी देर बाद अचानक CJI फिर से बाहर की ओर जाते दिखे. लेकिन दस मिनट बाद फिर से आकर कार्यक्रम देखने लगे. हालांकि इसके बाद नृत्य कार्यक्रम खत्म हो गया और इसके बाद सब जाने लगे. तभी CJI चंद्रचूड़ ने ऑडीटोरियम में मौजूद जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ए एस बोपन्ना को इस केस के बारे में बताया. दोनों ने इस मामले में अपनी सहमति दे दी और फिर सीजेआई ने इस मामले में जस्टिस बी आर गवई , जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच का गठन कर दिया जिसने रात 9.15 बजे सुनवाई की. (Teesta Setalvad Case)
बड़ी बेंच को किया था ट्रांसफर
इससे पहले 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में कथित तौर पर साक्ष्य गढ़ने के मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने शनिवार को उनकी नियमित जमानत खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने उन्हें तुरंत सरेंडर करने को कहा था. इसके बाद सीतलवाड़ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम राहत देने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच एकमत नहीं हो सकी. इसलिए मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा गया था.
सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलीलों से तीस्ता को किसी भी तरह की राहत देने का विरोध किया. जज का कहना है कि जो व्यक्ति 10 महीनों से इस कोर्ट के आदेश से बाहर है अगले एक हफ्ते और बाहर रहने से क्या दिक्कत हो सकती है? मेहता ने दलील दी कि तीस्ता भी एक आम अपराधी है, जिसने फर्जी आरोप लगाए और जांच एजेंसी के साथ अदालत को भी गुमराह किया.