Adipurush Controversy : मेकर्स का बड़ा फैसला, रिलीज के बाद अब बदले जाएंगे फिल्म के डायलॉग

Adipurush Controversy : 500 करोड़ के बजट में बनी भारत की सबसे महंगी फिल्म ‘आदिपुरुष’ की रिलीज ने देशभर में लोगों की भावनाओं को आहात कर दिया है। फिल्म के घटिया डायलॉग्स और वीएफएक्स की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना की जा रही है। आदिपुरुष के डायलॉग्स पर बढ़ते विवाद को देखते हुए फिल्म के मेकर्स ने एक बड़ा फैसला लिया है। मेकर्स ने फिल्म से उन सभी डायलॉग्स को बदलने का फैसला किया है, जिनपर लोगों ने आपत्ति जताई है। बता दें, नए डायलॉग्स इसी हफ्ते फिल्म में शामिल किए जाएंगे। इस बात की जानकारी खुद मनोज मुंतशिर ने सोशल मीडिया के जरिए दी है।

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बदले जाएंगे आदिपुरुष के विवाद डायलॉग्स

आदिपुरुष के विवादित डायलॉग्स (Adipurush Controversy) बदलने की जानकारी देते हुए मनोज मुंतशिर ने ट्विटर पर एक लंबा चौड़ा नोट लिखा। उन्होंने लिखा, ‘रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना। सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है। आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं। उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान किया, माँ सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं। मेरे ही भाइयों ने मेरे लिये सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे। वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कवितायें पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही माँ को अभद्र शब्दों से संबोधित किया। मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहाँ से आ गई कि वो श्री राम का दर्शन भूल गये जो हर माँ को अपनी माँ मानते थे। शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों।

मनोज ने आगे लिखा, ‘हो सकता है, 3 घंटे की फ़िल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाज़ी क्यों की, मैं जान नहीं पाया। क्या आपने ‘जय श्री राम’ गीत नहीं सुना, ‘शिवोहम’ नहीं सुना, ‘राम सिया राम’ नहीं सुना? आदिपुरुष में सनातन की ये स्तुतियाँ भी तो मेरी ही लेखनी से जन्मी हैं। ‘तेरी मिट्टी’ और ‘देश मेरे ’भी तो मैंने ही लिखा है। मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है, आप मेरे अपने थे, हैं और रहेंगे। हम एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गये तो सनातन हार जायेगा। हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनायी है, जो आप भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है आगे भी देखेंगे।’

मनोज ने लिखा, ‘ये पोस्ट क्यों? क्योंकि मेरे लिये आपकी भावना से बढ़ के और कुछ नहीं है। मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूँ, लेकिन इस से आपकी पीड़ा कम नहीं होगी। मैंने और फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं, हम उन्हें संशोधित करेंगे, और इसी सप्ताह वो फ़िल्म में शामिल किए जाएँगे। श्री राम आप सब पर कृपा करें!’

मनोज ने डायलॉग्स पर पेश की थी सफाई

आदिपुरुष में भगवान राम, हनुमान जी और रावण द्वारा बोले गए डायलॉग्स पर लोगों ने आपत्ति जताई थी। सोशल मीडिया पर विवाद बढ़ने के बाद मनोज ने टीवी चैनल पर आकर अपने लिखे डायलॉग्स पर सफाई के साथ अपने तर्क भी पेश किये। मनोज ने कहा, ‘साढ़े 7 हजार साल पहले रामायण को लिखा गया था। लेकिन 400 साल पहले तुलसीदास ने इसे अवधि भाषा में क्यों लिखा? क्योंकि हर किसी का कहने का अपना तरीका होता है। रामायण सुनाने के साथ भी वैसा ही है। लोगों तक इसे पहुंचाने के लिए, इसे समसामायिक भाषा में बात करने की कोशिश है। अगर युवा पीढ़ी को ये भाषा नहीं समझ आती है तो वो सम्मान करेगा लेकिन कनेक्ट नहीं कर पाएगा। इसलिए ये डायलॉग्स ऐसे लिखे गए हैं। जैसे आजकल के युवा बात करते हैं।’ टीवी पर जैसे ही मनोज ने अपना ये तर्क दिया सोशल मीडिया पर इसको लेकर भी विवाद खड़ा हो गया था। (Adipurush Controversy)

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